अपनी प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत रखिये, कोरोना वायरस जरूर हारेगा

By डॉ. प्रभात कुमार सिंघल | Mar 18, 2020

कोरोना ही नहीं कोई भी वायरस कमजोर प्रतिरोधक शक्ति वाले मानव पर पहले असर करता है। आज समूची मानव जाति को महामारी घोषित कोरोना की बीमारी से बचाने की चिंता सर्वत्र व्याप्त है।  कुछ ही दिनों में चीन से चला कोरोना वायरस 145 देशों में फैल गया और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे दुनिया के लिए खतरा घोषित कर दिया। कोरोना से मरने वालों की संख्या 6 हज़ार से ज्यादा पहुँच गई है। जो तथ्य सामने आए हैं अभी तक 65 वर्ष आयु से अधिक के लोग इसका शिकार हुए हैं। इस वर्ग आयु तक आते-आते लोगों में कई कारणों से शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत जिसे प्रतिरोधक शक्ति कहते हैं, वह कम हो जाती है। वैसे उम्र कोई लक्ष्मण रेखा नहीं हैं, प्रतिरोधक क्षमता किसी भी उम्र के व्यक्ति में कम हो सकती है। शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा कर हम कोरोना से प्रभावित होने के खतरे को कई गुना कम कर सकते हैं।

 

इसे भी पढ़ें: मोदी की पहल ने दर्शाया, भारत ने सदैव दूसरों की मदद का धर्म निभाया

बीमारियों से लड़ने की शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एक जैविक प्रक्रिया है जो संक्रमण, बीमारी या अन्य अवांछित जैविक हमलावरों के लिए पर्याप्त जैविक रोग प्रतिरोध होने कि स्थिति को बताती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के घटक खुद को हर बीमारी के अनुकूल बना लेते हैं। प्रतिरोधक शक्ति अक्सर दो प्रमुख प्रकारों में विभाजित की जाती है, एक स्वाभाविक रूप से प्राकृतिक प्रतिरक्षा जो हमारे खान पान से अपने आप बनती है तथा दूसरी कृत्रिम अर्जित रोगक्षमता जो टीकाकरण जैसे माध्यमों से विकसित होती हैं।


प्रतिरोधक शक्ति जिसे इम्यूनिटी कहा जाता है, मजबूत होने पर उसके शरीर में रोगाणु पहुंचकर भी नुकसान नहीं कर पाते हैं परंतु जिसकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई हो, वह जरा-से मौसमी बदलाव में भी रोगाणुओं के आक्रमण को झेल नहीं पाता। जब बाहरी रोगाणुओं की तुलना में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, तो इसका असर सर्दी, जुकाम, फ्लू, खांसी, बुखार वगैरह के रूप में हम सबसे पहले देखते हैं। जो लोग बार-बार ऐसी तकलीफों से गुजरते हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि उनकी इम्यूनिटी ठीक से उनका साथ नहीं दे रही है और उसे मजबूत किए जाने की जरूरत है। सर्दियों का मौसम एक तरह से रोग प्रतिरोधक शक्ति के परीक्षण का मौसम है, लेकिन अच्छी बात यह है कि रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाने के लिए भी यही सबसे अच्छा मौसम है। 


प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के अनेक कारणों में वजन बहुत कम होना, फास्टफूड, जंकफूड आदि का ज्यादा सेवन, शरीर को ठीक से पोषण न मिलना, धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का सेवन,  पेनकिलर, एंटीबॉयोटिक आदि दवाओं का लंबे समय तक सेवन, लंबे समय तक तनाव में रहना, लंबे समय तक कम नींद लेना अथवा अनावश्यक रूप से देर तक सोना, शारीरिक श्रम का अभाव, प्रदूषित वातावरण में रहना, अनियमित एवं खराब जीवनशैली, गर्भवती स्त्री का खान-पान ठीक न हो या वह कुपोषण का शिकार हो तो होने वाले बच्चे की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की संभावना, अधिक चीनी खाना एवं कम पानी पीना कुछ ऐसे कारक हैं जो मानव की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति को कम या प्रभावित करती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में छपे एक शोध के अनुसार सौ ग्राम या इससे अधिक शुगर खा लेने की स्थिति में श्वेत रुधिर कणिकाओं की रोगाणुओं को मारने की क्षमता पांच घंटे तक के लिए कमजोर पड़ जाती है। कम पानी पीने से इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है, क्योंकि पर्याप्त पानी के अभाव में शरीर से विजातीय द्रव्यों को बाहर निकाल पाना कठिन हो जाता है।

 

इसे भी पढ़ें: कश्मीर का ख्वाब छोड़ पाकिस्तान कोरोना वायरस से निबटने पर ध्यान दे

हमें इस और सतर्क रह कर अपने खानपान की आदतों, व्यायाम, योग आदि पर प्रमुख रूप से ध्यान देकर अपनी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर अपने आप को केंद्रित करना होगा। एंटीऑक्सिडेंट वाले भोजन को पर्याप्त मात्रा शामिल करना चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करती हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र के असर को कम करते हैं। बीटा केरोटिन, सेलेनियम, विटामिन-ए, विटामिन-बी2 व बी6, विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-डी आदि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। शरीर में इनकी पूर्ति के लिए चिकित्सक गाजर, पालक, चुकंदर, टमाटर, फूलगोभी, खुबानी, जौ, भूरे चावल, शकरकंद, संतरा, पपीता, बादाम, दूध, दही, मशरूम, लौकी के बीज, तिल आदि का सेवन उपयोगी बताते हैं। साथ ही हरी सब्जियों-फलों को विशेष रूप से भोजन में शामिल करने पर बल देते हैं।


चिकित्सकों की मानें तो भरपूर नींद लेना जरूरी है। तनाव मुक्त रहने की आदत डालनी चाहिए। दिन में पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। सर्दियों में सूर्य की रोशनी में सवेरे तेल मालिश करने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विटामिन-डी रोग प्रतिरोधकता के लिए महत्त्वपूर्ण कारक है। लहसुन एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल है। जाड़े के दिनों में दिन में एक-दो लहसुन सेवन करना चाहिए। दिन में तीन-चार बार ग्रीन-टी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


सर्दी के मौसम के सभी खट्टे फल इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं। सर्दियों में सब्जियों का सूप पीना इम्यूनिटी बढ़ाता है एवं सर्दी-जुकाम में भी फायदा करता है। सर्दी-जुकाम-खांसी वगैरह ज्यादा दिनों तक बने रहें तो इसे सामान्य न समझें और इलाज करना चाहिए। अगर कोई प्राय: बीमारियों की चपेट में रहता है तो इसका अर्थ यह भी है कि उसके शरीर में एंटीबॉडीज कम बन रहे हैं। इसके लिए प्रोटीन का समुचित मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए। दैनिक सुबह ताजी हवा में घूमना, व्यायाम करना और योग करने को अपनी आदत बनायें। कोरोना से डरें नहीं सावधानी अपनाएं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर गौर कर उनका पालन करें। अपनी रोग प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाये रखें। एक बार इस बारे में अपने चिकित्सक से भी परामर्श कर लेना चाहिए। प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत रहेगी तो हारेगा कोरोना।


-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

 

प्रमुख खबरें

नववर्ष से पूर्व यूपी के करीब सौ नौकरशाहों को पदोन्नत की सौगात

Uttar Pradesh के मिनी पंजाब में फिर खालिस्तानियों की दस्तक

कैंसर के कारण 17 साल की उम्र में खोया था बचपन के प्यार, Vivek Oberoi ने अपनी लव स्टोरी पर की खुल कर बात

दोहरे चाल, चरित्र व चेहरा का भी पर्दाफाश...मायावती ने कांग्रेस पर लगाया अंबेडकर का अपमान करने का आरोप