By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 19, 2020
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये अपने 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत दी है और शेष कर्मचारी तीन समूहों में अलग-अलग अवधि के लिये रोजाना कार्यालय आएंगे। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में बृहस्पतिवार को इस सिलसिले में निर्देश जारी किये गये। मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में सभी विभागों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ग्रुप ‘बी’ और ‘सी’ के 50 फीसदी कर्मचारी रोजाना कार्यालय आएं, जबकि शेष 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया जाए।
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आदेश में कहा गया, ‘‘ सभी विभागों के प्रमुखों को सलाह दी जाती है कि वे ग्रुप ‘बी’ और ‘सी’ के कर्मचारियों के लिए साप्ताहिक रोस्टर बनाएं और उन्हें एक हफ्ते के अंतराल पर कार्यालय आने का निर्देश दें। हालांकि, पहले हफ्ते के रोस्टर पर फैसला करने के लिए विभागों के प्रमुखों को सलाह दी जाती है कि वे कार्यालय के नजदीक रहने वाले या अपने वाहन से कार्यालय आने कर्मचारियों को शामिल करें।’’ इसमें कहा गया है कि कार्यालय आने वाले सभी कर्मचारियों का समय अलग-अलग होना चाहिए। आदेश में कहा गया कि यह सलाह दी जाती है कि काम करने के घंटों के लिए कर्मचारियों के तीन समूह बनाये जाएं और उन्हें सुबह नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे, सुबह साढे़ नौ बजे से शाम छह बजे और सुबह 10 बजे से शाम साढ़े छह बजे का समय आवंटित किया जाए।
इसमें कहा गया है, ‘‘निर्धारित रोस्टर के मुताबिक किसी दिन घर से काम कर रहे अधिकारियों को टेलीफोन पर हर वक्त उपलब्ध रहना चाहिए। यदि काम के लिए कोई अत्यावश्यक स्थिति आती है तो उन्हें कार्यालय आना चाहिए।’’ मंत्रालय ने कहा है कि ये निर्देश आवश्यक/आपात सेवाओं में शामिल कार्यालयों और कर्मचारियों पर तथा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपायों में सीधे तौर पर शामिल लोगों पर भी शामिल नहीं होंगे। आदेश में कहा गया है कि वित्तीय संस्थाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के बारे में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और सार्वजनिक उपक्रम विभाग (डीपीई) इसी तरह के निर्देश जारी कर सकते हैं। कार्मिक मंत्रालय द्वारा मंगलवार को केंद्र सरकार के सभी विभागों को एहतियाती उपाय करने को कहे जाने के बाद यह फैसला आया है।
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सरकार ने मंगलवार को एहतियाती कदम उठाते हुए सभी मंत्रालयों और विभागों को सरकारी भवनों में प्रवेश स्थान पर ‘थर्मल स्कैनर’ लगाने और आगंतुकों को अस्थायी एवं विजिटर पास जारी करना तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश जारी किया था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग(डीओपीटी) ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई कदमों की घोषणा करते हुए कहा कि ‘हैंड सैनेटाइजर’ और साबुन की नियमित आपूर्ति अवश्य सुनिश्चित की जानी चाहिए। डीओपीटी ने कहा, ‘‘फ्लू जैसे लक्षण पाये जाने वाले व्यक्तियों को उपयुक्त इलाज कराने और पृथक रहने आदि की सलाह दी जाती है।’’ डीओपीटी ने कहा कि सभी मंत्रालयों एवं विभागों को सभी आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है, जिनमें सरकारी भवनों के प्रवेश स्थान पर ‘थर्मल स्कैनर’ (शरीर के तापमान की जांच करने का उपकरण) लगाने, ‘हैंड सैनेटाइजर’ अनिवार्य रूप से रखने, बाहरी लोगों को आने से हतोत्साहित करने और तत्काल प्रभाव से आंगतुकों को अस्थायी एवं विजिटर पास जारी करने को स्थगित करना शामिल है।
इसमें कहा गया, ‘‘सिर्फ उन्हीं आगंतुकों को इजाजत दी जाएगी, जिनके पास उस अधिकारी की उपयुक्त इजाजत हो जिनसे वे मिलने वाले हैं।’’आदेश में अधिकारियों को गैर जरूरी यात्रा से बचने को कहा गया है। उन्हें यथासंभव वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठकें करने के अलावा, बैठकें या तो पुनर्निधारित करने या उसमें भाग लेने वालों की संख्या में कमी करने को कहा गया है। इसमें कहा गया, ‘‘आधिकारिक ईमेल पर आवश्यक पत्राचार किया जाए और जहां तक संभव हो अन्य कार्यालयों में फाइलें एवं दस्तावेज भेजने से बचा जाए। जहां तक व्यावहारिक हो, कार्यालय भवन के प्रवेश बिंदु पर ही डाक प्राप्त करने को प्रोत्साहित किया जाए।’’
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आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकारी भवनों में सभी व्यायामशालाओं, मनोरंजन केंद्रों और क्रेच को बंद किया जाना चाहिए तथा कार्यस्थल, खासतौर पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली चीजों को उपयुक्त रूप से साफ किया जाए तथा बार-बार स्वच्छ किया जाए। आदेश में छुट्टियां देने में उदारता बरतने को कहा गया है। यह कहा गया है कि एहतियाती उपाय के तहत जब कभी स्व-पृथक रखे जाने का अनुरोध मिले, अवकाश की मंजूरी देने वाले प्राधिकारियों को छुट्टी मंजूर करने की सलाह दी जाती है।
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