By अभिनय आकाश | Jun 10, 2020
मोहाली स्थित सौंदर्य प्रसाधन कंपनी सैनिटाइजर बना रही है, नागालैंड में एक हस्तशिल्प निर्माता मास्क बेच रहा है, गुड़गांव स्थित परिधान निर्यातक पीपीई सूट बना रहा है और तो और एक पेपर कंपनी तो क्वारंटाइन सेंटरों के लिए कार्डबोर्ड बेड का निर्माण कर रही है।
कई छोटे और बड़े व्यापारियों ने अस्थायी रूप से काम के अपने पहले के क्षेत्र को छोड़ दिया है और कोरोना संकट के इस दौर में रोजी-रोटी के लिए वर्तमान की मांग वाले उत्पादों की ओर रूख किया है।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद की कार्यकारी समिति के सदस्य व्यवसायी गौतम नायर का कहना है कि पिछले दो महीनों में 400 से अधिक भारतीय परिधान निर्माताओं ने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) कारोबार में कदम रखा है।
मंजीत सिंह कलसी की कंपनी पिछले 12 वर्षों से लिफ्ट का निर्माण और उसे लगाने का काम कर रही थी। लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद काम बिल्कुल ठप्प हो गया और बिक्री शून्य हो गई। कलसी को तब फुट-ऑपरेटेड, टच-फ्री सैनिटाइजर डिस्पेंसर के निर्माण का विचार आया। उनके अनुसार अभी तक लगभग 50 डिस्पेंसर बेचे हैं। कलसी कहते हैं, छोटा सेटअप छह लोगों को रोजगार देता है। उनका कहना है कि राजधानी के मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया में कई छोटी-बड़ी वर्कशॉप में कुछ मुट्ठी भर लोग काम कर रहे हैं और डिस्पेंसर का निर्माण कर रहे हैं।
गुड़गांव स्थित परिधान निर्माता मॉडलमा एक्सपोर्ट, जो टॉमी हिलफिगर और केल्विन क्लेन जैसे ब्रांडों को वस्त्र की आपूर्ति करता है, अब पीपीई सूट, कपड़े मास्क और जूता कवर बना रहा है। वस्तुओं का निर्यात शुरू करने के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार है। मॉडलमा एक्सपोर्ट के चेयरमैन ललित गुलाटी का कहना है कि हमने अपने कारखानों को चालू रखने के लिए इस खंड में भाग लिया। हमारा मुख्य उद्देश्य अब निर्यात करना है। हम अमेरिका में क्लाइंट्स को सैंपल भेज रहे हैं। इसका सालाना टर्नओवर 90 मिलियन डॉलर है।
मैट्रिक्स क्लॉथ की नायर भी महामारी के प्रकोप के बाद व्यापक चीन विरोधी भावना का लाभ उठानेकी योजना बना रही है। "नायर को लगता है कि यह एक दिलचस्प निर्यात अवसर होगा, लोग चीन के अलावा कहीं से भी खरीदारी करना पसंद करेंगे।