By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 12, 2023
नयी दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के कारण दिल्ली जैसे शहरों में जल सुरक्षा को खतरा होने के बीच, दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां अकेले राष्ट्रीय राजधानी के लिए एक चुनौती नहीं है और ऐसी स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के वास्ते राज्यों के बीच सहयोग जरूरी है। पिछले महीने दिल्ली में आई बाढ़ के बाद अपने पहले साक्षात्कार में राय ने कहा कि भारत सहित विकासशील देश विकसित देशों के कार्यों के परिणामों का खामियाजा भुगत रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय राजनीति का मुद्दा बनाने से पूरे देश में पारिस्थितिकी रूप से अनुकूल विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सिर्फ दिल्ली में ही नहीं पड़ा है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है। विकसित देशों का जलवायु परिवर्तन में सबसे अधिक हाथ है क्योंकि उन्होंने उपयुक्त नियंत्रण और संतुलन के बिना प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया है।’’ राय ने कहा, ‘‘कई देशों ने विकसित देशों की राह पर चलते हुए प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया। अब, वे सभी इसके नतीजे भुगत रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो समग्र रूप से मानवता से संबंधित है। हमें इससे निपटने के लिए एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य की आवश्यकता है।’’
शोध से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसूनी वर्षा की परिवर्तनशीलता में वृद्धि से पानी की कमी होने और देश के कुछ हिस्सों में पनबिजली के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह दिल्ली के लिए चिंता का कारण है, जो पानी और पनबिजली दोनों के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है, राय ने कहा, ‘‘इन चुनौतियों के लिए राज्यों के बीच सहयोग और संवाद की आवश्यकता है। दिल्ली में, हम पानी के पुनर्चक्रण और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों को लागू कर रहे हैं।’’ आधिकारिक अनुमान के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के लगभग दो करोड़ निवासियों को दैनिक जरूरतों के लिए लगभग 130 करोड़ गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पानी की आवश्यकता है। लेकिन दिल्ली जल बोर्ड केवल 1,000 एमजीडी के आसपास ही इसकी आपूर्ति कर सकता है, जिससे कई इलाके पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
दिल्ली को हरियाणा से दो नहरों और यमुना से 675 एमजीडी पानी तथा उत्तर प्रदेश से ऊपरी गंग नहर के जरिये 253 एमजीडी पानी मिलता है। शेष पानी शहर के कुओं और ट्यूबवेल से मिलता है। राय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में सबसे आगे है। उन्होंने कहा, ‘‘जब इन चुनौतियों से निपटने की बात आती है तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार देश की सबसे सक्रिय सरकार है।’’
मंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय क्षरण और वायु प्रदूषण से निपटना पिछले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल द्वारा की गई 10 प्रतिबद्धताओं में से एक थी। उन्होंने कहा कि आप ने चुनाव से पहले, दिल्ली में 2020 से शुरू होने वाले पांच वर्ष के कार्यकाल में दो करोड़ पौधे लगाने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि 2023 में, चौथे साल के अंत तक सरकार 1.7 करोड़ पौधे लगा लेगी। मंत्री ने कहा कि सभी एजेंसियों के ठोस प्रयासों से 2016 के बाद से दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।