राज्यसभा के मार्शल वर्दी पर विवाद, पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री ने सेना जैसी वर्दी पर जताया विरोध

By अभिनय आकाश | Nov 19, 2019

राज्यसभा के 250वें सत्र के प्रारंभ होने पर आसन का नजारा कुछ बदला सा लग रहा था। यह बदलाव आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शलों की एकदम नयी वेषभूषा के कारण महसूस हुआ। मार्शलों की नई ड्रेस को लेकर विवाद शुरू हो गया है। सेना के पूर्व प्रमुखों ने इस पर आपत्ति जताई है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘मिलिट्री यूनिफॉर्म की नकल करना और किसी गैर-सैन्यकर्मी के द्वारा उसे पहनना अवैध है। यह सुरक्षा व्यवस्था को खतरा है। उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा सचिवालय जल्द कोई उचित फैसला लेंगे।’’ वहीं इस मामले में मलिक को बीजेपी सरकार के मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह का भी साथ मिला है। वीके सिंह ने भी मार्शलों की ड्रेस को आर्मी जैसी करने को गलत करार दिया।

बता दें कि आम तौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार पगड़ी पहने किसी मार्शल के सदन में आकर यह पुकार लगाने से शुरू होती है कि ‘‘माननीय सदस्यों, माननीय सभापति जी।’’किंतु सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय गहरे हरे रंग : ऑलिव ग्रीन : की ‘‘पी-कैप’’ थी। साथ ही उन्होंने गहरे हरे रंग : ऑलिव ग्रीन : की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी। उच्चस्तरीय फैसले के बाद मार्शल के लिये जारी ड्रेस कोड के तहत सदन में तैनात मार्शलों को कलगी वाली सफेद पगड़ी और पारंपरिक औपनिवेशिक परिधान की जगह अब गहरे हरे रंग की वर्दी और कैप पहननी होगी। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार पिछले कई दशकों से चल रहे इस ड्रेस कोड में बदलाव की मांग मार्शलों ने ही की थी।