संसद में हमास से जुड़े जवाब पर विवाद, Meenakashi Lekhi के दावे के बीच MEA ने कहा- तकनीकी सुधार की आवश्यकता है

By अंकित सिंह | Dec 09, 2023

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को एक संसदीय प्रश्न का उत्तर देने वाले अधिकारी के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था, क्योंकि राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि उन्होंने प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है, जैसा कि आधिकारिक वेबसाइटों पर पोस्ट किए गए दस्तावेजों में दिखाया गया है। दस्तावेजों से पता चला कि लेखी ने इस सवाल का जवाब दिया था कि क्या सरकार के पास हमास समूह को गैरकानूनी घोषित करने का कोई प्रस्ताव है। 

 

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लेकिन लेखी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने "इस प्रश्न और इस उत्तर के साथ किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं"। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कई घंटों के बाद स्पष्ट किया कि दस्तावेजों में "तकनीकी सुधार" की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमने नोट किया है कि 8 दिसंबर 2023 को उत्तर दिए गए लोकसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 980 में वी मुरलीधरन को संसद प्रश्न का उत्तर देने वाले राज्य मंत्री के रूप में प्रतिबिंबित करने के संदर्भ में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है। त्रुटि कैसे हुई इसका ब्योरा दिए बिना उन्होंने कहा, ''यह उचित तरीके से किया जा रहा है।''


मीनाक्षी लेखी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं सभी को बताना चाहता हूं कि मैंने उस प्रश्न से संबंधित ऐसे किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मैंने इस उल्लंघन की सूचना पीएमओ और एस जयशंकर को दी है और विदेश सचिव को फोन किया है और उनसे कहा है कि इसकी जांच की जाए और जिन लोगों ने ऐसा किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। विपक्ष ने इस मामले में जांच की मांग की है। विदेश राज्य मंत्री ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने से संबंधित लोकसभा में पूछे गए लिखित प्रश्न एवं उसके उत्तर को लेकर ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आपको गलत जानकारी दी गई है क्योंकि मैंने इस प्रश्न और इस उत्तर वाले किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।’’ अतारांकित प्रश्न क्रमांक 980 कांग्रेस सांसद कुंभकुडी सुधाकरन द्वारा पूछा गया था। 

 

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इस प्रश्न के लिखित उत्तर में लेखी के हवाले से कहा गया था, ‘‘किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आता है और किसी भी संगठन को आतंकवादी घोषित करने के बारे में संबंधित सरकारी विभागों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाता है।’’ शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले को लेकर एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘क्या वह (लेखी) यह दावा कर रही हैं कि यह एक जाली जवाब है, यदि हां तो यह एक गंभीर मामला और तय नियमों का उल्लंघन है। स्पष्टीकरण मिलता है तो विदेश मंत्रालय की आभारी रहूंगी।’’

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