By अभिनय आकाश | Sep 27, 2024
भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में हुए बम विस्फोट की नए सिरे से जांच की मांग की आलोचना करते हुए कहा कि इससे खालिस्तानी चरमपंथियों की साजिश को बढ़ावा मिलता है। कनाडाई संसद को संबोधित करते हुए आर्य ने कहा कि दो कनाडाई सार्वजनिक जांचों में पहले ही खालिस्तानी चरमपंथियों को एयर इंडिया 'कनिष्क' फ्लाइट में बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार पाया गया है, जिसमें 329 लोग मारे गए थे।
सांसद ने कहा कि 39 साल पहले, एयर इंडिया की फ्लाइट 182 को कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा लगाए गए बम से उड़ा दिया गया था। आज भी, इस आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार विचारधारा कनाडा में कुछ लोगों के बीच जीवित है। दो कनाडाई सार्वजनिक जांचों में एयर इंडिया विमान में बम विस्फोट के लिए खालिस्तान चरमपंथियों को जिम्मेदार पाया गया। साल 1985 में कनाडा के माउंट्रियल एयरपोर्ट से एक फ्लाईट टेकऑफ करती है। इस फ्लाईट की डेस्टिनेशन मुंबई थी। लेकिन बीच में फ्लाईट लंदन में हॉल्ट लेती है। इसलिए फ्लाईट आयरलैंड के एयरस्पेस में घुसती है। जब प्लेन एटलांटिक महासागर के ऊपर था अचानक रडार पर पर से गायब हो जाता है। बाद में प्लेन 31 हजार फीट की ऊंचाई से सीधा समुद्र में जाकर गिरता है। 82 बच्चे 4 नवजात समेत 329 लोगों के लिए एटलांटिक उस दिन कब्रगाह बन जाता है।
इस प्लेन हादसे से करीब एक घंटा पहले ही बैगेज एरिया में बम फटा और दो लोगों की जान चली गई। जब तहकीकात हुई तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि इन दोनों हादसों का आपस में कनेक्शन था। बाद में पता चला कि इस साजिश का निशाना भारत था और साजिश को बब्बर खालसा नामक आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था।