By अंकित सिंह | Mar 14, 2023
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। हालांकि, बजट सत्र के दूसरे दिन भी आज जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। संसद में लगातार हंगामे की वजह से कामकाज नहीं हो रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। एक ओर सत्तापक्ष जहां राहुल गांधी के बयान को लेकर लगातार माफी की मांग कर रहा है तो वहीं विपक्ष अडानी समूह से जुड़े मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है। इन सबके बीच संसद में हंगामे को लेकर कांग्रेस का बड़ा बयान सामने आया है। कांग्रेस ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि अडानी समूह से जुड़े मामले पर सरकार संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग को उठाने नहीं दे रही है। कांग्रेस का दावा है कि इसी कारण संसद में लगातार गतिरोध बना हुआ है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने अडाणी समूह के मामले को लेकर सरकार पर कुछ सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि इस सरकार की विदेश नीति का लक्ष्य अडाणी समूह को फायदा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि क्या भारत की विदेश नीति का लक्ष्य अडाणी जी को और अमीर बनाने का है? पिछले नौ वर्षों से मोदी जी ने देश को भ्रम में रखा है और अडाणी जी को अपने साथ विश्व भ्रमण में रखा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार संयुक्त विपक्ष को प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले के लिए जेपीसी की मांग रखने तक की इज़ाजत नहीं दे रही है। इसका परिणाम है कि संसद में लगातार गतिरोध बना हुआ है। यही एकमात्र मुद्दा है। बाकी जो हो रहा है वह प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।’’
कांग्रेस के आरोपों को लेकर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अडाणी ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पहली सफलता (कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री) चिमनभाई पटेल के समय मिली थी...दूसरी सफलता उन्हें राजीव गांधी के समय मिली। उन्होंने कहा कि अंबानी-अडानी बहाना है, सिर्फ नरेंद्र मोदी को गाली देना है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस की 10 साल की सरकार ‘घोटालों में घिरी रही’ तो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उम्मीदों में घिरी रही है। कांग्रेस सांसदों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग करते हुए संसद परिसर में प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लिए इन सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।