By नीरज कुमार दुबे | Jun 19, 2024
लोकसभा चुनावों में जनता के आशीर्वाद से बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जन्मदिन आज उनके समर्थक और शुभचिंतक धूमधाम से मना रहे हैं। एक दिन पहले ही वायनाड संसदीय सीट से इस्तीफा देकर रायबरेली संसदीय सीट को बरकरार रखने वाले राहुल गांधी को देशभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल के लिए मंदिरों में पूजा-पाठ कर रहे हैं और मिठाइयां बांट रहे हैं। दिल्ली में तो कांग्रेस मुख्यालय पर ढोल-नगाड़े बजाकर राहुल गांधी का जन्मदिन मनाया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को उनके जन्मदिन के अवसर पर बधाई देते हुए उन्हें कमजोरों की आवाज, संविधान के प्रति अटूट आस्था रखने वाला तथा सत्ता को सच का आईना दिखाने वाला बताया है।
हम आपको बता दें कि राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को नई दिल्ली में हुआ था। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की बड़ी संतान हैं। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सदस्य हैं। इससे पहले वह केरल के वायनाड से सांसद थे। राहुल गांधी ने राजनीति में कई हमले और नाकामियां झेलीं लेकिन सब पर विजय पाते हुए उन्होंने साबित कर दिया है कि हार कर जीतने वाले को सिर्फ बाजीगर ही नहीं बल्कि राहुल गांधी भी कहते हैं। हम आपको बता दें कि भाजपा ने राहुल गांधी को पप्पू करार देकर उन्हें पूरी तरह से विफल घोषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन राहुल गांधी ने पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पार्टी का नेतृत्व करते हुए अपनी रणनीति से भाजपा को कई जगह उसके गढ़ों में ऐसी मात दी है जोकि भगवा खेमे को हमेशा सालती रहेगी।
भारतीय राजनीतिक इतिहास को देखेंगे तो पाएंगे कि विपक्षी नेता के रूप में राहुल गांधी ने बहुत कुछ सहा है। उनकी छवि पप्पू यानि कम बुद्धि वाले नेता की बना दी गयी थी। यही नहीं, उनकी राष्ट्रभक्ति पर भी सवाल उठाये गये। लोकसभा चुनावों से पहले उनके विदेशी दौरों को सवालों के घेरे में लाते हुए उन पर आरोप लगाये गये कि वह विदेशों में अपने संबोधनों के जरिये देश की छवि खराब कर रहे हैं। चुनावों के दौरान राहुल गांधी के तमाम पुराने वीडियो के अंश निकाल कर उनकी समझ पर सवाल उठाये जा रहे थे। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी राजनीति में सफल और स्थापित, दोनों हो गये हैं।
देखा जाये तो इस बार चुनावों में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' और 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का भी अहम योगदान है। इन दोनों यात्राओं के जरिये राहुल गांधी ने जब देश के विभिन्न कोनों की समस्याओं को करीब से समझा और जनता से सीधी मुलाकात कर उनके मन की बात जानी तो इससे उनमें खुद भी बड़ा परिवर्तन आया और जनता के बीच उनकी छवि में भी सुधार हुआ। राहुल गांधी जब अपनी यात्राओं के दौरान पैदल चलते हुए आम लोगों से बात करते थे तब लोगों को समझ आया कि राहुल गांधी कम बुद्धि वाले नेता नहीं हैं जैसा कि आमतौर पर उन्हें दर्शाया जाता है।
आपने चुनावों के दौरान अक्सर देखा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी को शहजादा बताते हुए उन पर हमले करते हैं लेकिन राहुल गांधी पिछले लगभग एक-डेढ़ साल से जिस साधारण तरीके से रह रहे हैं उसके चलते इस बार के चुनावों में 'शहजादा' शब्द ने उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाया। 2014 से पहले नरेंद्र मोदी की छवि साधारण नेता की और राहुल गांधी की छवि युवराज की थी लेकिन अब मोदी के सूट-बूट पर बार-बार सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने उनकी छवि अमीर और उद्योगपतियों के समर्थक की और राहुल गांधी की छवि 'जननायक' की बना दी है।
राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज, एक्स या इंस्टाग्राम अकाउंट पर ही उनके सब्सक्राइबर या फॉलोअर बढ़ने और चुनावों में कांग्रेस को वोट नहीं मिलने जैसे कटाक्ष करने वालों को यह भी देखना चाहिए कि कांग्रेस के नेता दो लोकसभा सीटों से बड़े अंतर से विजयी होने में सफल रहे हैं। पिछली लोकसभा के दौरान ऐसा भी समय आया था जब राहुल गांधी को संसद की सदस्यता और सरकारी आवास से हाथ धोना पड़ा था लेकिन जनता ने इस बार उन्हें दो सीटों से चुनाव जिता कर भेज दिया है। यही नहीं राहुल गांधी की जीत का अंतर प्रधानमंत्री मोदी की जीत के अंतर से बहुत ज्यादा है। इस बार की जीत से गदगद राहुल गांधी को उम्मीद है कि वह 2029 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदलने में कामयाब होंगे। देखना होगा कि उन्हें कितनी सफलता मिलती है।