By डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Oct 04, 2018
गांधी जयंती पर वर्धा में कांग्रेस ने खूब नौटंकी रचाई। सोनिया-राहुल अपने नाम के पीछे गांधी उपनाम जरूर लगाते हैं लेकिन उनका महात्मा गांधी से क्या लेना-देना है ? इनका उपनाम गांधी है, फिरोज गांधी की वजह से ! सोनियाजी फिरोज गांधी की बहू हैं और राहुल उनका पोता है। इसी तरह महात्मा गांधी की कांग्रेस और राहुल गांधी की कांग्रेस का क्या संबंध है ? इस कांग्रेस का तो गांधी अंतिम संस्कार करने की बात कहने लगे थे। कांग्रेस-मुक्त भारत का नारा नरेंद्र मोदी का नहीं, महात्मा गांधी का था। लेकिन पिछले 70 साल में भारत कांग्रेस मुक्त हुआ है या नहीं, कांग्रेस गांधी मुक्त जरूर हो गई है। अब असली गांधी की जगह फर्जी गांधी आ गए हैं। वे कह रहे हैं कि अब दूसरा स्वतंत्रता संग्राम शुरु करना है। मोदी-राज की तुलना वे अंग्रेजी राज से कर रहे हैं। क्या मजाक है, यह ?
शब्दों के दुरुपयोग में उन्होंने मोदी को भी मात कर दिया है। मोदी को वे तानाशाह बता रहे हैं। वे कह रहे हैं कि देश में फासीवाद आ गया है। यह ठीक है कि भाजपा और संघ मोदी के हाथ में आज कठपुतली की तरह हो गए हैं और मोदी की हीनता-ग्रंथि ने मंत्रिमंडल का भी गला दबा रखा है लेकिन मैं अपने कांग्रेसी मित्रों से पूछता हूं कि क्या वे इंदिराजी के राज को भूल गए ? ‘इंदिरा इज़ इंडिया’ को भूल गए ? क्या वे मोरारजी देसाई, निजलिंगप्पा, संजीव रेड्डी और जगजीवन राम की दुर्गति को भूल गए ? क्या आपातकाल को भूल गए ? लोहिया के शब्दों में ‘गूंगी गुड़िया’ के कमाल को भूल गए ? इंदिरा गांधी के आगे क्या आज मोदी की कोई हैसियत है ?
टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के मालिक अपने क्षुद्र स्वार्थों के कारण मोदी की चाटुकारिता करते हैं तो इसमें मोदी का क्या दोष है ? मोदी ने किसकी कलम और किसके मुंह पर ताले जड़े हैं ? यदि मोहन भागवत और मोदी आज गांधी की माला जप रहे हैं तो कांग्रेसियों को खुश होना चाहिए। जिन्हें वे जानबूझकर गांधी का हत्यारा कह रहे हैं, यदि आज उनका हृदय-परिवर्तन हो रहा है तो उनका स्वागत होना चाहिए, क्योंकि गांधीभक्तों का कुनबा बढ़ रहा है लेकिन यदि आप उन्हें ढोंगी गांधीभक्त कहेंगे तो क्या आप उनसे किसी तरह कम हैं ? गांधी के नाम पर न तो आपको वोट मिलने वाले हैं न भाजपा को ! भारत की जनता, खासकर गरीब, ग्रामीण और वंचित लोग आज हमारे सभी नेताओं से मोह भंग की स्थिति में हैं।
-डॉ. वेदप्रताप वैदिक