Prajatantra: Congress ने तैयार कर लिया चुनावी रोडमैप, ब्रह्मास्त्र के तौर पर इस्तेमाल होंगे ये दो मुद्दे

By अंकित सिंह | Sep 18, 2023

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक संपन्न हो चुकी है। लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कांग्रेस कार्य समिति किया। यह बैठक काफी अहम मानी गई। यह मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद जो कार्य समिति का गठन हुआ था उसकी भी पहली बैठक थी। इस बैठक में कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे जनादेश जरूर मिलेगा। साथ ही साथ साथ ही साथ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रोड मैप को तैयार किया गया। 

 

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सीट बंटवारे पर चिंता!

दिल्ली और पंजाब के ज्यादातर नेताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ पार्टी के संभावित गठबंधन के बारे में चिंता व्यक्त की। समझा जाता है कि नेतृत्व ने उनसे कहा है कि वह राज्य इकाइयों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम फैसला लेगा। आप के साथ सीट-बंटवारे के समझौते पर सीडब्ल्यूसी में चिंताएं तब सामने आईं जब इंडिया ब्लॉक ने यह तय करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया कि गठबंधन के सदस्य चुनाव के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों को आपस में कैसे विभाजित करेंगे। ब्लॉक की समन्वय समिति ने फैसला किया है कि सदस्य दल सीट बंटवारे पर बातचीत करेंगे और "जल्द से जल्द फैसला करेंगे"। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन करने का विश्वास जताते हुए ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत नवंबर तक टालने का आग्रह किया है, ताकि तब तक उसकी स्थिति मजबूत हो जाए। 


अनुशासन की नसीहत

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी को निर्णायक जनादेश मिलने की रविवार को उम्मीद जताई और आगे की लड़ाई के लिए कमर कसने की घोषणा करते हुए कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए केंद्र की ‘तानाशाह’ सरकार को हटाना जरूरी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के नेताओं को दो टूक नसीहत भी दी कि वे अनुशासित व एकजुट रहें और अपने व्यक्तिगत मतभेदों को दूर रखकर इसकी सफलता को प्राथमिकता दें तथा ऐसा कुछ नहीं करें, जिससे पार्टी को नुकसान हो। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया, ‘‘यह ध्यान रखें कि हम अहं या अपनी वाहवाही के लिए ऐसा कुछ न करें, जिससे पार्टी का नुकसान हो। अनुशासन के बगैर कोई नेता नहीं बनता। हम खुद अनुशासन में रहेंगे, तभी लोग हमारा अनुकरण करेंगे, हमारी बात मानेंगे।’’ जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार रहने को कहा गया। साथ ही साथ जातिगत जनगणना करवाने और आरक्षण बढ़ाने को ब्रह्मास्त्र के तौर पर अपनाया गया।



राहुल ने वैचारिक स्पष्टता पर दिया जोर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्य समिति की बैठक में वैचारिक स्पष्टता पर जोर देते हुए कहा है कि पार्टी नेताओं को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असल मुद्दों से ‘ध्यान भटकाने’ वाले जाल में न फंसकर जनता से जुड़े विषयों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राहुल गांधी के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा गया कि राहुल गांधी ने हम सबसे सपष्ट तौर पर पूछा कि विचारधारा की स्पष्टता आपके मन में है या नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन आधारित पार्टी नहीं है, कांग्रेस एक आंदोलन है, जिसके पास संगठन भी है। आंदोलन संगठन को आगे बढ़ाता है, यही कांग्रेस और दूसरे दलों में अंतर है। वहीं, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव द्वारा गुरुवार को रायगढ़ में एक कार्यक्रम में मोदी की तारीफ करने के लिए स्वत: संज्ञान लेने के बाद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विस्तारित सीडब्ल्यूसी से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनावश्यक प्रशंसा करने से बचें।


सनातन धर्म विवाद पर सावधानी भरा रुख

बैठक में हिंदी पट्टी के कुछ नेताओं ने यह भी सुझाव दिया कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका इस्तेमाल भाजपा ने गठबंधन पर हमला करने के लिए किया है। वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से “भाजपा के अप्रासंगिक जाल” में नहीं फंसने को कहा। सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं फंसना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि कि राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं। 

 

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भाजपा पर निशाना

कांग्रेस ने सरकार पर राजनीतिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चों पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि भाजपा सरकार के तहत संवैधानिक और संघीय ढांचे के लिए चुनौती खड़ी हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, हम देश की स्थिति, मोटे तौर पर राजनीतिक स्थिति, देश के सामने आने वाले आर्थिक संकट और सुरक्षा खतरों (आंतरिक और बाहरी दोनों) पर चर्चा कर रहे हैं, जो देश के लिए गंभीर चुनौतियां हैं।’’ उन्होंने देश में राजनीतिक स्थिति का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा समय में देश के संवैधानिक और संघीय ढांचे के लिए एक चुनौती है। कांग्रेस कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि भाजपा नेताओं के बयान नफ़रत फ़ैलाने वाले और हिंसा को बढ़ावा देने वाले होते हैं, वे विभाजनकारी ताकतों को प्रोत्साहित और समाज का ध्रुवीकरण करते हैं। खड़गे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और भारतीय जनता पार्टी आग में घी डालने का काम कर रही है।


बड़ा सवाल यही है कि क्या सीडब्ल्यूसी की बैठक से 2024 के जीत का मंत्र कांग्रेस को मिल गया है? क्या कांग्रेस पांच राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाएगी? लोकतंत्र में जनता ही असली मालिक होती है, भले ही नेता कुछ भी दावा करते रहे। देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के बुलंद हौसले को जनता का कितना साथ मिल पाता है। यही तो प्रजातंत्र है। 

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