By अनुराग गुप्ता | Jun 23, 2022
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच कांग्रेस में जंग छिड़ गई है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को लेकर भावुक अपील की। जिसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। इस अपील के बावजूद शिवसेना विधायक उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर असम की राजधानी गुवाहाटी पहुंच रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने की नसीहत दी है। जिसको लेकर कांग्रेस में रार देखने को मिल रही है और पार्टी ने आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान से किनारा कर लिया है।
कृष्णम की ठाकरे को नसीहत
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सत्ता को ठोकर पे मारने वाले स्वर्गीय बालासाहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे जी को मराठा गौरव की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री के पद को त्यागने में एक पल का विलम्ब भी नहीं करना चाहिए। आचार्य प्रमोद कृष्णम का ट्वीट सामने आने के तुरंत बाद ही कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया।
कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कम्युनिकेशन विंग के प्रभारी जयराम रमेश ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ना तो यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं, ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं। मामला इतने में ही नहीं शांत हुआ। जयराम रमेश के बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम का पलटवार सामने आया। उन्होंने बिना देरी किए हुए कहा कि अधिकृत तो टेम्प्रेरी होता है। उन्होंने ट्वीट किया कि अधिकृत तो टेम्प्रेरी होता है प्रभु, मैं तो परमानेंट हूं, फिर भी आपको कोई दिक़्क़त है तो जयराम जी की।
दरअसल, महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट को देखते हुए कांग्रेस पर्यवेक्षक कमलनाथ ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की और कहा कि हमारे विधायक एकजुट हैं। इस दौरान कमलनाथ ने कहा था कि मैंने उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत करके उन्हें आश्वासन दिया है कि कांग्रेस विधायक महाविकास अघाड़ी गठबंधन के साथ हैं।