By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 27, 2022
उनका कहना था, ‘‘जब 1989 में कश्मीरी पंडितों का पहला विस्थापन हुआ था, उस समय केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार थी, उसे भाजपा के सर्वेसर्वा लाल कृष्ण आडवाणी का पूर्ण समर्थन था। इस मुद्दे पर भाजपा ने सरकार से समर्थन भी वापस नहीं लिया था।’’ खेड़ा ने दावा किया कि इस साल अब तक ‘लक्षित हत्या’ की 30 घटनाएं हो चुकी हैं और भाजपा के लिए यह सामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की सरकार के समय जम्मू के बाहर जगती टाउनशिप में कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए कलस्टर बनाए गए थे, तब 4500 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को वहां बसाया गया था। उस समय स्थिति सामान्य हो गई थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे। जो आपने (केंद्र ने) किया और जो नहीं किया, श्वेत पत्र में वह सब होना चाहिए। कश्मीरी पंडितों की हत्या पर प्रधानमंत्री को जवाब देना पड़ेगा।’’
कश्मीर के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू के एक लेख से जुड़े सवाल पर खेड़ा ने कहा कि ‘व्हाट्सअप नर्सरी’ वाले भाजपा के नेताओं को फिर से इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा नेताओं को लगता है कि उनकी बातें सही हैं तो इन दो सवालों का जवाब दें कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते जम्मू-कश्मीर में 75 प्रतिशत मतदान कैसे होता था और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याएं कैसे बंद होंगी?’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया ‘‘भाजपा नेताओं को समकालीन इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता, तथा ऐसे में वे सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं।’’ खेड़ा ने कहा कि भाजपा को 1989-1990 की स्थिति और मौजूदा स्थिति के लिए माफी मांगनी चाहिए।