By अंकित सिंह | Oct 12, 2023
साल के आखिर में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है। इनमें से तीन राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है। इसे 2024 के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन राज्यों में कांग्रेस को जीत की उम्मीद है। अगर कांग्रेस ऐसा करने में कामयाब हो जाती है तो कहीं ना कहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा को कड़ी चुनौती देती हुई दिखाई देगी। कांग्रेस को छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी जीत का पूरा भरोसा है। हालांकि, राजस्थान कहीं ना कहीं उसके लिए एक कमजोर कड़ी साबित होता दिखाई दे रहा है।
वर्तमान में देखें तो कांग्रेस का पूरा फोकस जल कल्याण की नीतियों पर है। साथ ही साथ कांग्रेस उन गारंटी को जनता के समक्ष रखने की कोशिश में है जिसकी रथ पर सवार होकर वह कर्नाटक में चुनाव जीतने में कामयाब हुई थी। छत्तीसगढ़ को लेकर कांग्रेस को प्रो-इनकंबेंसी का भरोसा है। इसका बड़ा कारण यह है कि कांग्रेस भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार पर काफी भरोसा कर रही है। बघेल के शासन में किसान, नौजवान और महिलाओं को लेकर कई सारी योजनाएं चालू की गई है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश की बात करें तो कांग्रेस यहां भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। साथ ही साथ आदिवासियों को भी साधने की कोशिश में है। कांग्रेस को लगता है कि यहां शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ जनता में नाराजगी है और यह उसे फायदा पहुंचा सकता है।
बगावत के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। ऐसे में वह राज्य में भाजपा से बदला लेने के लिए पूरी तरीके से उतारू है। 2018 में भी कांग्रेस को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीत मिली थी जिसके बाद माना जा रहा था कि 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अच्छा रह सकता है। हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस को कुछ खास सफलता इन राज्यों में नहीं मिली। राजस्थान में कांग्रेस महंगाई को जबरदस्ती तरीके से साधने की कोशिश कर रही है। इसको लेकर अशोक गहलोत की सरकार ने कई बड़े वायदे किए हैं और चुनाव से पहले ही लोगों को राहत देने का काम भी शुरू कर दिया था। हालांकि, वहां भाजपा भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा रही है।
पहले हिमाचल प्रदेश और फिर कर्नाटक में मिली जीत के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। कांग्रेस को लगता है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाले भारत जोड़ो यात्रा ने उसकी जमीनी पकड़ को मजबूत किया है। कांग्रेस फिलहाल जाति जनगणना का मुद्दा भी उठा रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि इससे भाजपा का हिंदुत्व कार्ड कमजोर पड़ सकता है। फिलहाल कांग्रेस तीनों ही राज्यों में अपनी पूरी ताकत लगा रही है। कांग्रेस की नेताओं ने भी अपना प्रचार शुरू कर दिया है। इन राज्यों में अहर जीत मिलती है तो इससे इंडिया गठबंधन में भी कांग्रेस का कद बढ़ेगा और सीट सेयरिंग में उसे फायदा हो सकता है।
कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस इन राज्यों के सहारे डबल इंजन की सरकार की कोशिश में है। यानी की अगर इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनती है तो 2024 का रास्ता उसके लिए आसान हो सकता है और वह दिल्ली की गद्दी तक पहुंच सकती है। हालांकि आखिरी फैसला जनता को लेना होता है यही तो प्रजातंत्र है।