By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2017
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उपवास को सात सितारा उपवास एवं नौटंकी करार देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस उपवास पर कथित रूप से पांच करोड़ रूपये बर्बाद करने की बजाय चौहान को प्रदेश के मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गये किसानों के परिजन से मिलना चाहिए था। एक जून से शुरू हुए 10 दिवसीय किसान आंदोलन के दौरान प्रदेश में हुई व्यापक हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ एवं लूटपाट के बाद मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में शांति बहाली के लिये 10 जून को अनिश्चितकालीन उपवास किया था और लगभग 28 घंटे बाद कल इसे समप्त कर दिया है। ऋण माफी और अपनी उपज के उचित मूल्य की मांग कर रहे किसानों की नाराजगी को शांत करने के लिए कल अनशन तोड़ने से पहले चौहान ने उनके कल्याण के लिए कुछ योजनाओं का ऐलान किया लेकिन किसान आंदोलन के दौरान आग लगाने वाली गतिविधियों में लिप्त लोगों को कड़ी चेतावनी भी दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने बताया, मुख्यमंत्री ने उपवास के फालतू इवेंट कर केवल नौटंकी की है और इस पर पांच करोड़ रुपये बर्बाद कर दिये हैं। यह सात सितारा उपवास था। उन्होंने दावा किया कि इस नौटंकी में भाग लेने के लिए विभिन्न जिलों के कलेक्टरों ने बसों का बंदोबस्त किया और चौहान के उपवास स्थल पर प्रदेश के विभिन्न भागों से लोगों को लाया गया।यादव ने कहा कि उपवास करने की बजाय मुख्यमंत्री को मंदसौर जाना चाहिए था, जो मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन का मुख्य केन्द्र था और वहां जाकर छह जून को मंदसौर के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में मारे गये पांच किसानों के परिजन से मिलकर उन्हें सांत्वना देना चाहिए था। उन्होंने बताया कि नौटंकी करने की बजाय मुख्यमंत्री को किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
इसी बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने भी मुख्यमंत्री चौहान के उपवास की कड़ी आलोचना की है। शिवराज के उपवास पर कटाक्ष करते हुए आप के राष्टीय प्रवक्ता एवं मध्यप्रदेश के संयोजक आलोक अग्रवाल ने आरोप लगाया, शिवराज सिंह चौहान का उपवास, उपवास कम उपहास ज्यादा है। वीआईपी सुविधा के बीच और कूलर की हवा में उपवास कर रहे हैं। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है, फिर भी शिवराज उपवास का ढोंग कर रहे हैं। अग्रवाल ने आरोप लगाया, चौहान के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया और जब किसान अपने हक के लिए आवाज उठाने लगा, तो उसकी गोली मार कर हत्या करवा दी गई। मध्यप्रदेश में व्यापक पैमाने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इसके लिए यह सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में मंदसौर जिले में पुलिस फायरिंग में मारे गये पांच किसानों की हत्या के लिए भी चौहान सरकार जिम्मेदार हैं। अग्रवाल ने बताया, आज किसान आंदोलन करने के लिए इसलिए मजबूर है, क्योंकि न तो उसे फसल के दाम मिल रहे हैं और न ही खराब हुई फसल का मुआवजा। मोदी और शिवराज दोनों ने किसानों से बड़े बड़े-बड़े वादे किए पर दोनों के सभी वादे जुमले साबितहुए हैं।