इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर जिला अदालत ने नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उन्हें 28 नवम्बर तक के लिए जेल भेज दिया। कम्प्यूटर बाबा पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर आश्रम बनाने, घर में घुसकर तलवार से हमला करने और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप है। मंगलवार को बाबा की तरफ से जमानत याचिका प्रस्तुत की गई, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जमानत नहीं दी जा सकती। पुलिस को शाम चार बजे बाबा को कोर्ट में पेश करना था लेकिन वह दोपहर दो बजे ही उन्हें लेकर पहुंच गई। बाबा के वकील कोर्ट पहुंचते उसके पहले ही बाबा जेल भेजे जा चुके थे।
वही पेशी के लिए जिला कोर्ट पहुंचे कंप्यूटर बाबा मीडिया से बचने का प्रयास करते रहे। मीडियाकर्मियों ने जब उनसे पूछा कि पूरे मामले को लेकर आप कुछ बोलना चाहते हैं क्या? तो उन्होंने हाथ से इशारा कर इंकार कर दिया। वे तेज कदमों से कोर्ट रूम से बाहर निकले। उनके हावभाव बता रहे थे कि वे सहमे हुए हैं। जितनी देर बाबा जिला कोर्ट में रहे उन्होंने किसी से बात नहीं की।
गौरतलब है कि नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा 08 नवंबर से जेल में हैं। उन पर शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा कर आश्रम निर्माण करने का आरोप है। 8 नवंबर को जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण तोड़ दिया था। इस दौरान शांतिभंग होने की आशंका में बाबा को गिरफ्तार किया गया था। तब से बाबा जेल में हैं। इस दौरान उनके खिलाफ एरोड्रम पुलिस थाने में घर में घुसकर हमला करने और गांधी नगर पुलिस थाने में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में केस दर्ज किए गए। सोमवार को गांधी नगर पुलिस थाने में दर्ज केस में बाबा को जमानत देते हुए एरोड्रम पुलिस थाने में दर्ज केस में बाबा को एक दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा था। मंगलवार को बाबा की दोबारा पेशी हुई। उनकी तरफ से एक बार फिर जमानत आवेदन प्रस्तुत हुआ। शासन की तरफ से लोक अभियोजक विमल मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि सोमवार को भी जमानत आवेदन प्रस्तुत हुआ था जिसे खारिज किया जा चुका है। 24 घंटे के दौरान परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद जमानत आवेदन खारिज करते हुए कंप्यूटर बाबा को 28 नवंबर तक जेल में रखने के आदेश दे दिए।