नयी दिल्ली। राज्यसभा में भाकपा के डी राजा और अन्नाद्रमुक के डॉ वी मैत्रेयन सहित पांच सदस्यों को उनका कार्यकाल पूरा होने पर बुधवार को विदायी दी गई। डी राजा और मैत्रेयन के अलावा तीन अन्य सदस्य अन्नाद्रमुक के ही के आर अर्जुनन, आर लक्ष्मणन और टी रत्नावेल हैं।सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और पांच सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन सभी सदस्यों ने उच्च सदन में होने वाली बहसों, चर्चा आदि में हिस्सा लिया और अपने राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि इन सदस्यों ने कमजोर वर्गों के हितों के लिए, उनके उत्थान के लिए हमेशा आवाज उठाई।
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सभापति ने कहा कि इन सदस्यों ने सदन की गरिमा बढ़ाने तथा लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम योगदान दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये सदस्य उच्च सदन में मिले अपने अनुभव की मदद से लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे।उन्होंने सभी सदस्यों के दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए उन्हें आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं दीं। सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने कहा कि भले ही उच्च सदन में पांचों सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया हो लेकिन वे जनता की सेवा करते रहेंगे। ‘‘मैं उनके बेहतर जीवन की कामना करता हूं। उन्होंने देश की सेवा के लिए खुद को समर्पित किया और देश के विकास के लिए काम किया।’
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’सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इन सभी सदस्यों के योगदान का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि सदन में फिर उनकी वापसी होगी।आजाद ने कहा ‘‘मैत्रेयन पेशे से डॉक्टर हैं। वह प्रतिष्ठित ओंकोलॉजिस्ट हैं और अच्छी कमाई कर सकते थे। लेकिन वह राजनीति में आए और राज्य के हितों की बात आने पर उनका जुझारूपन सदन ने देखा।’’ उन्होंने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष हैं लेकिन उन्हें बोलने का मौका मुश्किल से ही मिल पाता है। ‘‘लेकिन राजा ऐसे नेता हैं जिन्होंने एक दिन में हर मुद्दे पर चार या पांच बार अपनी बात रखी। शून्यकाल से लेकर बैठक स्थगित होने तक उनकी बोलने की क्षमता के बारे में मैं नहीं जान पाया।’’इस पर सभापति नायडू ने कहा ‘‘क्योंकि वह राजा हैं और आज से वह प्रजा के पास जा रहे हैं।’’आजाद ने राजा को भाकपा का राष्ट्रीय महासचिव चुने जाने पर बधाई भी दी। सभापति ने राजा की सराहना करते हुए कहा कि कल से उन्हें मुस्कुराता हुआ एक चेहरा नजर नहीं आएगा। सेवानिवृत्त हो रहे सभी सदस्यों ने कहा कि उन्हें सदन की कमी महसूस होगी। राजा ने कहा कि इस सदन में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला और वह खासा अनुभव ले कर जा रहे हैं।उन्होंने कहा ‘‘कुछ काम अधूरे रह गए हैं।
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दलितों, पिछड़ों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आज भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है जो नहीं होना चाहिए।’’राजा ने कहा ‘‘हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हो पाया। आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिए बिना हम वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय भूमिका कैसे निभा पाएंगे ?’’अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम करते रहने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए राजा ने कहा कि ऐसे समाज का निर्माण होना चाहिए जिसमें समानता और सामाजिक न्याय हो। मैत्रेयन ने कहा कि उनकी पार्टी की नेता जे जयललिता ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें तीन बार इस सदन में भेजा। बोलते बोलते भावुक हो गए मैत्रेयन ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली का भी जिक्र किया। उन्हें अपने भाई की तरह बताते हुए मैत्रेयन ने जेटली के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री के बीच एक तरह से सेतु की भूमिका निभाते थे।मैत्रेयन ने हालांकि कहा कि एक बात उन्हें हमेशा खलेगी कि मई 2009 में श्रीलंका में बड़ी संख्या में तमिलों की जान गई थी लेकिन सदन की ओर से उन्हें श्रृद्धांजलि नहीं दी गई।इसी पार्टी के सदस्य के आर अर्जुनन ने कहा कि संसदीय प्रक्रिया के तहत उच्च सदन में हुई चर्चाओं में हिस्सा ले कर उन्होंने बहुत कुछ समझा और सीखा। लक्ष्मणन ने कहा कि उनके दल ने जिस उद्देश्य से उन्हें उच्च सदन में भेजा था, उन्होंने उसे पूरा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से उन्होंने राजनीति, विनम्रता और बहुत कुछ सीखा।
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रत्नावेल ने कहा कि उन्होंने बहुत कुछ सीखा और एमपीलैड के तहत मिली राशि जनकल्याण के कार्यों में खर्च की।इन सदस्यों ने सदन में मिले स्नेह और अपनेपन के लिए सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।इस मौके पर सदन में अन्नाद्रमुक के नेता ए नवनीत कृष्णन ने कहा कि उनकी पार्टी के चार सदस्यों और तमिलनाडु के पांच सदस्यों की इस सदन से सेवानिवृत्ति राज्य के लिए बड़ा नुकसान है।द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद तमिलनाडु के हितों के मुद्दे पर उन्हें इन सदस्यों का साथ मिला।माकपा के टी के रंगराजन ने कहा कि सदन में राजा ने जब भी किसी मुद्दे पर अपना पक्ष रखा, पूरे सदन ने बहुत ध्यान से सुना और उन्हें बोलने के लिए तीन मिनट से अधिक समय भी दिया जाता था।सपा के रामगोपाल यादव ने कहा ‘‘तमिलनाडु के सदस्यों ने अपने राज्य के हितों के लिए जिस तरह आवाज उठाई, वह अन्य दलों के सदस्यों के लिए अनुकरणीय है।’’ उन्होंने कहा कि तमिल होने के बावजूद मैत्रेयन हिंदी के गाने अच्छी तरह गाते हैं।यादव ने कहा कि सदन को इन सदस्यों की कमी महसूस होगी। शिवसेना के संजय राउत ने कहा ‘‘मैत्रेयन न केवल हिंदी गाने बल्किमराठी गाने भी बहुत अच्छी तरह गाते हैं। ऐसे साथी कहां मिलेंगे?’’ राकांपा के माजिद मेनन, राजद के मनोज कुमार झा, बीजद के प्रसन्न आचार्य, तृणमूल कांग्रेस के मनीष गुप्ता, शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी अपने अपने दलों की ओर से सेवानिवृत्त हो रहे पांचों सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।