हालिया उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बात की एक बार फिर पुष्टि हो गई कि बीजेपी को हराने के लिए मुसलमानों का एक बड़ा धड़ा किसी भी हद से आगे जाने से गुरेज नहीं करता है। यह स्वाभाविक नहीं है, इसके लिए दशकों से सियासी साजिश रची जा रही है। पहले कांग्रेस ने मुसलमानों के मन में भाजपा के खिलाफ जहर भरा और बाद में यही काम यूपी में सपा-बसपा जैसे दलों ने किया। मुसलमान इन दलों के पीछे भागते हुए भाजपा को हराने का सपना देखते रहे। उनका यह सपना कई बार पूरा भी हुआ, लेकिन पिछले चार चुनावों (दो विधानसभा और दो लोकसभा चुनावों) से बीजेपी के खिलाफ मुसलमानों की ‘दाल’ नहीं गल पा रही है। इसकी सबसे प्रमुख वजह यह है कि हिंदू अब जातियों में और बंटने को तैयार नहीं हैं। उनकी समझ में आ गया है कि आपस में लड़ के कहीं ना कहीं अपना ही नुकसान कर रहे थे। इसीलिए उन्होंने हिन्दुओं को अगड़े-पिछड़े, ठाकुर-बनिया आदि के नाम पर लड़ाने वालों से तौबा कर ली है। इसी वजह से बीजेपी का ग्राफ लगातार बढ़ता और अन्य दलों का गिरता जा रहा है।
बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उसको (बीजेपी) लेकर विपक्षी दलों और मुल्ला-मौलवियों द्वारा फैलाया गया एक भ्रम और दूर हो गया है कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो मुसलमान दोयम दर्जे का नागरिक बन जाएगा। उसके सारे अधिकार छिन जाएंगे आदि-आदि। बीजेपी के खिलाफ यह भ्रम इसलिए फैलाया गया था क्योंकि कुछ राजनैतिक दल मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते रहे थे, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। योगी राज में किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है। यदि प्रधानमंत्री आवास हिन्दुओं को मिल रहा है तो मुसलमानों को भी इसका फायदा पहुंच रहा है। फ्री राशन हिन्दुओं को दिया जा रहा है तो मुसलमान परिवार भी इससे वंचित नहीं हैं। स्वास्थ्य कार्ड यदि हिन्दुओं के बन रहे हैं तो मुस्लिमों के भी बिना भेदभाव के बनाए जा रहे हैं। श्रमिक कार्ड में भी सबके खाते में बिना भेदभाव के पैसा आ रहा है। इसी वजह से मुसलमानों के मन में भाजपा के खिलाफ जो खौफ पैदा किया गया था, वह दूर होता जा रहा है। धीरे-धीरे ही सही मुसलमान बीजेपी से जुड़ने लगे हैं। यह और बात है कि यह बदलाव कुछ राजनैतिक दलों और कट्टरपंथियों को रास नहीं आ रहा है, जो अभी भी बीजेपी के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और घृणा की राजनीति में लगे हैं।
हाल यह है कि यदि बीजेपी के पक्ष में कोई मुसलमान आगे आता है तो उसको न केवल परेशान किया जाता है बल्कि कई बार तो बीजेपी समर्थक मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। जैसा हाल ही में बीजेपी समर्थक बाबर के साथ हुआ। बाबर का कसूर इतना था कि वह बीजेपी की जीत की खुशी में मिठाई बांट रहा था। कट्टरपंथियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। बात उत्तर प्रदेश के जिला कुशीनगर की है, जहां चुनाव नतीजे आने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता बाबर की उसके पटीदारों द्वारा बेरहमी से पीट कर हत्या कर दी गई थी। परिजनों की मानें तो बाबर को कई बार धमकी मिल चुकी थी, जिसकी वजह से उसने थाने में शिकायत पत्र भी दिया था। इसको पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद बाबर की हत्या कर दी गई। मामला जब मीडिया में आया तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इसके बाद एसपी सचिंद्र पटेल ने थाना प्रभारी सहित दो अन्य उप निरीक्षकों को भी लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस ने बाबर की हत्या के मामले में नामजद चार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
हैरानी की बात यह है कि बाबर की जान लेने वाले लोग अनजान नहीं थे, वे उसके अपने रिश्तेदार और पड़ोसी थे, जो उसे बचपन से जानते थे। जब बाबर अली ने सुरक्षा की गुहार लगाई तो कुशीनगर जिले के रामकोला थाने की पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। इसी तरह से कानपुर में भी एक मुस्लिम युवक द्वारा बीजेपी का झंडा फहराना उसके लिए मुसीबत का सबब बन गया है। उसके पड़ोसी और रिश्तेदार ही उसकी जान के दुश्मन बन गए हैं। शकील नामक यह शख्स जिसे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, लम्बे समय से बीजेपी के साथ जुड़ा हुआ है। मामला कानपुर शहर में किदवई नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत जूही लाल कालोनी का है। यहां रहने वाले शकील अहमद ने अपने पड़ोसियों पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए जान को खतरा बताया है।
अब बदायूं में भी एक मुस्लिम शख्स को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। बदायूं में शाहरुख सैफी नाम के शख्स को कथित तौर पर उसकी बिरादरी के ही कुछ लोग जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। चुनाव में भाजपा को समर्थन देने की वजह से उसे मौत के घाट उतारने की धमकी दी जा रही है। लक्ष्मीपुर गांव के निवासी शाहरुख ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस के पास गुहार लगाई है। शाहरुख का कहना है कि उसके फेसबुक पेज पर भी उसे गालियां दी जा रही हैं। एसपी (रूरल) सिद्धार्थ वर्मा ने कहा, ''सैफी की शिकायत के बाद हमने बुधवार को एक केस दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।''
ध्यान रहे आज के समय में अल्पसंख्यकों को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं। अल्पसंख्यकों को लेकर संविधान और कोर्ट क्या कहता है ये भले ही लम्बी बहस का हिस्सा हो लेकिन सही मायनों में असली माइनॉरिटी बाबर जैसे लोग हैं जो भाजपा की नीतियों के चलते उसे पसंद कर रहे हैं, पीएम मोदी के सबका साथ सबका विश्वास का गहनता से अवलोकन कर रहे हैं और फिर भाजपा के नजदीक आ रहे हैं। ऐसे लोगों का भाजपा के करीब आना जटिलताएं भरा है। इसे हम बाबर की मौत मामले के अलावा बरेली की उस घटना से समझ सकते हैं जहां एक मुस्लिम महिला का भाजपा को वोट देना उसकी पर्सनल लाइफ की परेशानियां बढ़ाता नजर आ रहा है। असल में अभी हाल ही में गुजरे विधानसभा चुनाव में बरेली की एक महिला ने भाजपा को वोट दिया था। ये बात महिला के पति को नागवार गुजरी और उसने उसे घर से निकाल दिया। साथ ही महिला के पति ने उसे तलाक की धमकी भी दी है। मामले में सबसे रोचक बात ये है कि महिला और पुरुष दोनों की लव मैरिज हुई थी लेकिन बात फिर वही है प्यार अपनी जगह और पार्टी और विचारधारा अपनी जगह।
उधर, बीजेपी नेता निदा खान ने भी ससुरालवालों पर धमकाने का आरोप लगाया है। तीन तलाक की लड़ाई लड़ने वाले आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान को उनकी ममेरी बहन की शादी में शामिल होने से रोकने और धारदार हथियार से हमला करने के मामले में पुलिस ने उनके पति समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। निदा ने इस मामले में तहरीर दी थी। उन्होंने खुद और परिवार पर जानलेवा हमले का आरोप भी लगाया था। निदा का आरोप है कि उन पर बीजेपी छोड़ने का दबाव बनाया गया। उससे तौबा करने की धमकी दी गई और कहा गया कि जब तक वह बीजेपी से तौबा नहीं करतीं शादी समारोह में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। निदा खान आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी चलाती हैं। पिछले दिनों निदा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की तो अब उनके विरोधी गुस्से में हैं। निदा खान ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि वो अपने मामा की बेटी की शादी में 26 मार्च को पीलीभीत रोड स्थित एक मैरिज होम पहुंची थीं। वहां कुछ लोगों ने भाजपा छोड़ने का दबाव बनाया और नारे लगाने लगे। शादी में परिवार के सदस्य भी पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि शादी समारोह में पहुंचने से पहले ही मामा के बेटे बरकात ने मुझे मैसेज किया कि मेरे खालू तस्तीम मियां, शीरान रजा व अर्सलान और मेरे मामू जरताब व बुरहान विरोध कर रहे हैं। उन्होंने शर्त रखी है कि अगर निदा भाजपा ज्वाइन करने पर तौबा करे तो उसे आने दिया जाएगा वरना समारोह में शामिल नहीं होने देंगे। निदा ने बताया कि उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैं शादी समारोह में जबरदस्ती आई तो जान से मार देंगे। इस तरह भाजपा के साथ खड़े होने वाले मुस्लिमों को मुसीबतों का सामना भी करना पड़ रहा है।
-अजय कुमार