By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 11, 2021
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की और दोनों से लंबी चर्चा के बाद वह लखनऊ रवाना हो गए। अपने इस दो दिवसीय दौरे का समापन उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर किया। इन मुलाकातों के बारे में हालांकि कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई लेकिन सूत्रों की मानें तो इसके केंद्र में अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा चुनाव रहा। इसके मद्देनजर सरकार और संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने से लेकर लंबित विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाने और सहयोगी दलों को भरोसे में लेकर चलने सहित कुछ अन्य मुद्दे पर चर्चा हुई। मुलाकातों के इस दौर के साथ ही राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को बल मिला लेकिन लेकिन किसी ने भी इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की।
मुख्यमंत्री ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर दिन की पहली मुलाकात मोदी से की। यह मुलाकात सवा घंटे से भी अधिक समय तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस दौरान कोरोना महामारी की दूसरी लहर से राज्य में हुए नुकसान और संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के अलावा राज्य के विकास से संबंधित कई विकास परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री से चर्चा की। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकले मुख्यमंत्री योगी ने पत्रकारों से कोई संवाद नहीं किया और सीधे भाजपा अध्यक्ष नड्डा से मिलने उनके आवास की ओर निकल गए। इस बीच, योगी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार।’’
नड्डा और आदित्यनाथ की मुलाकात दो घंटे से अधिक चली। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इन मुलाकातों का लब्बो-लुआब सरकार और संगठन में बेहतर समन्वय स्थापित करना, सहयोगी दलों की नाराजगी दूर कर उन्हें साथ लेकर चलना और ‘‘मिशन-2022’’ की तैयारियों में जुट जाना है। ज्ञात हो कि योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नड्डा से लंबी चर्चा की। योगी ने बृहस्पतिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और विभिन्न मुद्दों पर उनसे तकरीबन डेढ़ घंटे चर्चा की थी। शाह के साथ बैठक में योगी ने उन्हें ‘प्रवासी संकट समाधान’ रिपोर्ट की एक प्रति भी दी। इसकी एक प्रति आज उन्होंने नड्डा को भी सौंपी। अभी कुछ दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष और पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने लखनऊ का दौरा किया था और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की थी। दोनों नेताओं ने इस दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से अलग-अलग मुलाकात की थी। योगी की दिल्ली यात्रा से ठीक एक दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा है। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधान परिषद के सदस्य ए. के. शर्मा भी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए है तथा पार्टी के नेताओं से मुलाकातें कर रहे हैं। शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी का विश्वस्त माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि राज्य में अगर मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार और राजनीतिक हलके से ताल्लुक रखने वाले जितिन प्रसाद और शर्मा को शामिल किया जाएगा।
पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की हुई बैठक
केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ विचार-विमर्श किया। वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में कोई विस्तार नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें हैं। इन अटकलों को इसलिए बल मिला क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिनों से राजधानी दिल्ली में थे और इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से लेकर शाह और नड्डा से मुलाकात कर लंबी चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि मोदी अलग-अलग समूहों में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अपने सहयोगियों से मुलाकात कर रहे हैं। इन मुलाकातों के दौरान नड्डा भी मौजूद थे। भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच यह कवायद शाह की उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दलों के नेताओं क्रमश: अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के संजय कुमार निषाद तथा प्रवीण कुमार निषाद से मुलाकात के बाद आरंभ हुई है। मुलाकातों और चर्चा की इस कवायद के बारे में भाजपा की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों नड्डा ने कोविड-19 की दूसरी लहर से पैदा हुई परिस्थितियों और हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर पार्टी महासचिवों और विभिन्न मोर्चों के अध्यक्षों के साथ दो दिनों तक मंथन किया और इसके बाद सभी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपनी तैयारियों में जुट गया है।