By अंकित सिंह | Jan 14, 2022
एक ओर जहां उत्तर प्रदेश में भाजपा नेताओं का इस्तीफा जारी है तो वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी अपनी रणनीति को और मजबूत करने में जुट गई है। इस्तीफा देने वाले ज्यादातर नेताओं का आरोप है कि भाजपा सरकार में दलित, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक समुदाय की नहीं सुनी गई। तो वही उत्तर प्रदेश सरकार का नेतृत्व कर रहे योगी आदित्यनाथ आज अचानक दलित बस्ती में पहुंच गए। दरअसल, मौका मकर संक्रांति का था। मकर संक्रांति के अवसर पर अपने गृह नगर गोरखपुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने दलित जाति के व्यक्ति अमृतलाल भारती के यहां भोजन किया। मकर संक्रांति के अवसर पर उन्होंने अमृतलाल भारती के यहां खिचड़ी खाई और परिवार के लोगों से बातचीत भी किया।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लगातार योगी आदित्यनाथ को दलित विरोधी बताने वाले नेताओं को अपनी पार्टी में करने की कोशिश कर रहे हैं। वही मायावती लगातार दलित की राजनीति करती हैं। योगी आदित्यनाथ के इस कदम से कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। अखिलेश यादव इस बार के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम और यादव समीकरण के साथ-साथ अपने पक्ष में दलितों को भी करना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने कई दलों के साथ गठबंधन किया है और कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कर रहे हैं। मायावती को इस बात पर यकीन है कि दलित उन्हें एक बार फिर से वोट देगा। देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति किस ओर जाती है।