आर्थिक पैकेज पर CM नीतीश ने की चर्चा, अधिकारियों को दिया निर्देश, मखाना उत्पादों को बढ़ावा देने पर दें बल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 19, 2020

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज पर प्रदेश के वित्त विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, उद्योग विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री आवास के निकट स्थित नेक संवाद से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज पर विभिन्न विभागों के साथ विचार-विमर्श के क्रम में अधिकारियों को निर्देश दिया।

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उन्होंने कहा कि मखाना एवं मखाना उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दें। मखाना का उत्पादन क्षेत्र बढ़ायें, उसकी प्रोसेसिंग एवं मखाना उत्पादों के लिये बाजार को बढ़ावा दें, इसकी ब्रांडिंग भी करें। मखाना का व्यापार बिहार से ही हो, इसकी योजना बनायें। इससे बिहार की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मखाना, शाही लीची एवं शहद की बिहार में असीम संभावनायें हैं। नीतीश ने कहा कि मखाना के साथ-साथ शाही लीची, चिनिया केला, आम, फल उत्पादन, मेंथा तेल, खस तेल, कतरनी चावल एवं अन्य कृषि उत्पादों के क्लस्टर को भी बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के लिये बाजार की उपलब्धता के साथ-साथ पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर भी ध्यान देने की जरूरत है। गंगा नदी के तट पर बनाये गये जैविक खेती कोरिडोर में मेडिसिनल प्लांट के उत्पादन को बढ़ावा दें। लेमन ग्रास, खस तथा मेंथा के उत्पादन एवं उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाया जाय।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर पहाड़ियों पर काफी अधिक संख्या में मेडिसिनल प्लांट हैं, इसका अध्ययन करवायें तथा इनके उपयोग के लिये संस्थागत व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि बिहार में शहद उत्पादन की असीम संभावनायें हैं। इसके लिये शहद की प्रोसेसिंग यूनिट तथा मार्केटिंग एवं ब्रांड वैल्यू पर विशेष बल दिया जाय। उन्होंने कहा कि बड़े एवं छोटे पशुओं यथा गाय, भैंस, बकरी, भेंड, सुअर का शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाय। इस संदर्भ में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज का अधिक से अधिक लाभ कृषकों एवं श्रमिकों को हो सके, इसके लिये अनिवार्य कार्रवाई करें। अगर आवश्यकता हो तो प्रावधानों में भी सुधार पर विचार करें। उन्होंने मनरेगा में अधिकतम मानव दिवस की सीमा को 100 से 200 करने तथा स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के बीमा से संबंधित तिथि विस्तार हेतु मुख्य सचिव को केन्द्र से अनुरोध करने का निर्देश दिया।

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