By अभिनय आकाश | Sep 20, 2024
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव ने कहा कि जब मैंने टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला, तो सीएम ने खरीदे गए घी और लड्डू की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की, जिसे बहुत पवित्र माना जाता है और प्रसादम के रूप में चढ़ाया जाता है। गुणवत्ता में कोई भी विचलन 'अपवित्रम'का कारण होगा। हमने शुरू किया। उस पर काम करना। हमने पाया कि हमारे पास घी में मिलावट की जांच करने के लिए कोई आंतरिक प्रयोगशाला नहीं है। बाहरी प्रयोगशालाओं में भी घी की गुणवत्ता की जांच करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
निविदाकर्ताओं द्वारा उद्धृत दरें अव्यवहारिक हैं, वे इतनी कम हैं कि कोई भी कह सकता है कि शुद्ध गाय का घी इतना कम खर्च नहीं हो सकता। हमने सभी आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी है, कि यदि आपूर्ति किया गया घी लैब टेस्ट में पास नहीं होता है तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। प्रसाद में पशु की चर्बी का मामला सामने आया है उसको लेकर सियासत गरम हो गई है। तिरुपति मंदिर का ये प्रसाद विश्व प्रसिद्ध है। लोग भावनाओं के साथ इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं और ऐसे में पशु की चर्बी और मछली के तेल के खुलासे पर हड़कंप मच गया है। गुजरात की लैब की रिपोर्ट के मुताबिक जिस घी से तिरुपति का प्रसाद बनाया जाता है, उसमें पशु चर्बी और मछली के तेल के अंश पाए गए हैं। आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व आंध्र प्रदेश सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तत्काल सीबीआई जांच का आदेश देने का अनुरोध किया।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि मामले की जांच करके दोषियों की पहचान की जानी चाहिए और सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए, लेकिन यदि दावे गलत या किसी और मकसद से प्रेरित हैं, तो तिरुपति के लाखों भक्त उन्हें माफ नहीं करेंगे जिन्होंने उनकी आस्था से खिलवाड़ किया है। टीटीडी ईओ श्यामल राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पहले ही लड्डू बनाने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किये जाने की शिकायत की थी। आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी गई थी कि यदि वे अच्छी गुणवत्ता का सामान उपलब्ध नहीं कराएंगे तो उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री (नायडू) ने घी के साथ-साथ लड्डू की गुणवत्ता पर भी चिंता व्यक्त की।