गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा गुजरात में चिप उत्पादन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए ‘गुजरात सेमीकंडक्टर नीति’ की घोषणा हुई।गुजरात सेमीकंडक्टर तथा डिसप्ले उत्पादन क्षेत्र में सहायता के लिए डेडिकेटेड नीति घोषित करने वाला प्रथम राज्य बन गया है।
भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली पूंजी सहायता के 40 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त सहायता राज्य सरकार देगी।
इस पॉलिसी के अंतर्गत धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) में धोलेरा सेमीकॉन सिटी स्थापित की जाएगी।
ISM के अंतर्गत स्वीकृत हुए अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए आवश्यक अतिरिक्त भूमि क्रय पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
प्रोजेक्ट्स के प्रथम पाँच वर्ष की अवधि में 12 रुपए प्रति घन मीटर की दर से अच्छी गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए घोषित नीति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 76000 करोड़ रुपए का प्रावधान।
राज्य सरकार के विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत अनिवार्य सभी स्वीकृतियाँ तेज़ी से देने के लिए सिंगल विंडो मैकेनिज़्म स्थापित किया जाएगा।
आगामी पाँच वर्षों में लगभग दो लाख रोज़गार सृजन का संकल्प।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने टेक्नोलॉजिकल क्रांति की ओर एक और पग भरा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीतूभाई वाघाणी, मुख्य सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री विजय नेहरा की उपस्थिति में ‘गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-07’ की महत्वपूर्ण घोषणा की।
वाघाणी ने कहा कि गुजरात ने देश भर में सेमीकंडक्टर तथा डिसप्ले उत्पादन क्षेत्र में सहायता के लिए डेडिकेटेड पॉलिसी घोषित करने वाले प्रथम राज्य का गौरव प्राप्त किया है। राज्य में स्थानीय सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन क्षेत्र में तेज़ एवं समावेशी वृद्धि को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता के साथ ‘गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-27’ की घोषणा की गई है। इस पॉलिसी के माध्यम से आगामी पाँच वर्षों में लगभग दो लाख रोज़गार का सृजन होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिवंत नेतृत्व में समग्र देश में आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस आयोजन हो रहे हैं। ऐसे में सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ भारत सरकार द्वारा इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (IMS) की स्थापना की गई है और भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए नीति घोषित की गई है। इस नीति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 76000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। भारत सरकार की इस पहल के समानांतर गुजरात में सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा की है। इस पॉलिसी की घोषणा के साथ गुजरात सेमीकंडक्टर तथा डिसप्ले उत्पादन क्षेत्र में सहायता के लिए नीति घोषित करने वाला देश का प्रथम राज्य बना है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इनफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के अंतर्गत आईएसएम द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट्स के लिए भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता के उपरांत गुजरात सरकार भारत सरकार की पूंजी सहायता के 40 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त सहायता देगी। इस पॉलिसी के अंतर्गत धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (धोलेरा एसआईआर) में धोलेरा सेमीकॉन सिटी स्थापित की जाएगी और योग्यता प्राप्त प्रोजेक्ट्स को प्रथम 200 एकड़ भूमि क्रय (ख़रीद) पर 75 प्रतिशत सब्सिडी तथा फ़ैब प्रोजेक्ट या अपस्ट्रीम/डाउनस्ट्रीम एवं आईएसएम के अंतर्गत स्वीकृत अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए आवश्यक अतिरिक्त भूमि क्रय पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
वाघाणी ने कहा कि पॉलिसी के अंतर्गत योग्यता प्राप्त प्रोजेक्ट्स को प्रथम पाँच वर्षों की अवधि के लिए 12 रुपए प्रति घन मीटर की दर से अच्छी गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद के आगामी पाँच वर्षों के लिए वार्षिक आधार पर 10 प्रतिशत की दर से पानी की दर में वृद्धि की जाएगी। इस पॉलिसी के अंतर्गत योग्यता प्राप्त प्रोजेक्ट्स के लिए उत्पादन के आरंभ से 10 वर्षों की अवधि के लिए प्रति यूनिट 2 रुपए की पावर टैरिफ़ सब्सिडी का प्रावधान किया गया है और गुजरात इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी एक्ट, 1958 के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सभी योग्य प्रोजेक्ट्स विद्युत शुल्क भुगतान से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के अंतर्गत प्रोजेक्ट के उद्देश्य के लिए भूमि के भाड़े पट्टे/विक्रय/ट्रांसफ़र के लिए पात्र प्रोजेक्ट्स द्वारा सरकार को चुकाई गई 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क के एक बार के मुआवज़े का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार के विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत अनिवार्य सभी स्वीकृतियाँ तेज़ी से दिलाने के लिए सिंगल विंडो मैकेनिज़्म स्थापित किया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन करना है तथा आगामी पाँच वर्षों में 2 लाख लोगों को रोज़गार मिलने का अनुमान है।