By अभिनय आकाश | Apr 15, 2020
21 दिनों के लाकडाउन से परेशान उद्योग जगत पहले ही थोड़ा सहमा था, लेकिन देशहित में लिए गए मोदी सरकार के दूसरे लाकडाउन के फैसले का असर छोट-बड़े उद्योगों पर भी पड़ सकता है। लॉकडाउन में सैलरी देने से उद्योग में दिवालिया होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है, ऐसा कहना है पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का और उन्होंने मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।
दरअसल, 29 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया की किसी भी कर्मचारी के वेतन में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं होगी। ऑफिस के मेमोरेंडम के अनुसार, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों ने देश में COVID 19 के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिसटेंसिंग और आइसोलेशन की घोषणा की है, जिसकी वजह से कई जगह तालाबंदी है। COVID 19 रोकथाम के संबंध में लॉकडाउन के आदेश के मद्देनजर घर में रहना आवश्यक है, उन्हें ड्यूटी पर माना जाएगा। आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, उद्योग या दुकानदार अपने कर्मियों को लॉकडाउन के दौरान भी तय तारीख पर, बिना किसी कटौती के सैलरी का भुगतान किया जाए।
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जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पीएम को पत्र लिखते हुए कहा है कि कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान कंपनियां और उद्योग बंद पड़े हैं। ऐसे में अगर वो अपने कर्मियों को पूरी सैलरी दे रहे हैं तो इससे उनके दिवालिया होने का खतरा उत्पन्न होने की आशंका है। इसलिए सरकार अपने इन दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार करे। सीएम ने कहा है कि केंद्र को ऐसा कोई समाधान निकालना चाहिए जिससे उद्योगों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए मजदूरों का फायदा सुनिश्चित किया जा सके।