सीटू ने आईजीएमसी के आउटसोर्स व ठेका मजदूरों की मांगों को लेकर आईजीएमसी गेट पर धरना दिया

By विजयेन्दर शर्मा | Aug 27, 2021

शिमला । आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने आईजीएमसी के आउटसोर्स व ठेका मजदूरों की मांगों को लेकर आईजीएमसी गेट पर धरना दिया। इस दौरान मजदूरों ने काली पट्टियां बांधकर जोरदार मौन प्रदर्शन किया जिसमें सैंकड़ों मजदूर शामिल हुए। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर मजदूरों की मांगों का शीघ्र समाधान न किया गया तो यूनियन भविष्य में हड़ताल करने से भी गुरेज़ नहीं करेगी। 

 

 

प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,राज्य सचिव रमाकांत मिश्रा,जिला सचिव बाबू राम,बालक राम,हिमी देवी,यूनियन अध्यक्ष विरेन्द्र लाल,महासचिव नोख राम,उपाध्यक्ष सीता राम, सुरेन्द्रा,पमीश कुमार,सीमा देवी,सरीना,जगत राम,लेख राज,विद्या गाजटा, शालू कुमारी,गीता,वंदना,धीरज,इंदु,विद्या,हेमावती, देवा,पुनमा,मीरा आदि मौजूद रहे। प्रदर्शन के बाद यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में आईजीएमसी के प्रधानाचार्य व मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट से मिला व उन्हें बाईस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आश्वासन दिया कि मजदूरों की मांगों के समाधान के लिए दस दिन के भीतर बैठक बुला कर इनका समाधान किया जाएगा।

 

 

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रवासी भारतीयों को हिमाचल में निवेश के लिए आमंत्रित किया

 

 

यूनियन अध्यक्ष विरेन्द्र लाल व महासचिव नोख राम ने आईजीएमसी में कार्यरत ठेकेदारों पर श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में बेहतरीन सेवाएं देने के बावजूद भी पन्द्रह मजदूरों को बिना कारण गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया है।

 

मजदूरों को कोरोना काल के प्रति माह एक हज़ार पांच सौ रुपये व हर शिफ्ट का प्रतिदिन दो सौ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। मजदूरों के वेतन में अप्रैल 2021 से प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह की गई साढ़े सात सौ रुपये की वेतन बढ़ोतरी को।लागू नहीं किया गया है। कोरोना काल में कार्य पर रखे गए वार्ड अटेंडेंट्स,सफाई,ईसीजी व सुरक्षा कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है व उन्हें नौकरी से निकालने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने आईजीएमसी प्रबंधन से मजदूरों को न्यूनतम वेतन,ईपीएफ,ईएसआई,बोनस,छुट्टियों,कोरोना काल के वेतन,दो वर्दी सेट,चेंजिंग रूम व प्रसूति अवकाश,हर वर्ष पच्चीस प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की मांग की है।

 

 

इसे भी पढ़ें: लाहौल की समृद्ध संस्कृति से प्रभावित हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर

 

 उन्होंने नौकरी से निकाले गए मजदूरों को तुरन्त बहाल करने की मांग की है। उन्होंने मजदूरों का वेतन पन्द्रह हज़ार रुपये घोषित करने व आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने की मांग की है। उन्होंने ठेका बदलने पर मजदूरों की सेवाओं को यथावत जारी रखने की मांग की है।


प्रमुख खबरें

Delhi Elections 2025 । घर-घर जाकर महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करेगी AAP

PM Modi Receives Honour| पीएम मोदी को Kuwait में मिला गार्ड ऑफ ऑनर, कहा दोनों देशों के बीच है ऐतिहासिक संबंध

Germany के क्रिसमस बाजार में हुए जानलेवा हमले में एक बच्चे समेत पांच लोगों की मौत, Elon Musk ने की घटना की निंदा

Delhi Police का खुलासा, छात्रों को नहीं देनी थी परीक्षा, तो स्कूल को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी दे डाली