महिला जासूस के जाल में फंसे ब्रिटेन के कई सांसद, चीनी एजेंट ने लगाई ब्रिटिश पार्लियामेंट में सेंध, खुफिया एजेंसी MI5 ने जारी की वॉर्निंग

By अभिनय आकाश | Feb 04, 2022

अगर मैं आपसे कहूं कि ब्रिटेन की संसद में चीन के जासूस हैं मौजूद, तो आप चौकेंगे क्या? आप चौकेंगे कि जब मैं आपको बताऊं कि चीनी जासूस की तरफ से ब्रिटिश संसद में लॉबिंग के लिए सांसदों को पैसे खिलाए गए। आप चौकेंगे क्या अगर मैं आपसे कहूं की महिला जासूस के जाल में ब्रिटेन के कई सांसद फंस गए। ब्रिटेन की खुफिया और सुरक्षा एजेंसी एमआई 5 के सनसनीखेज खुलासे से दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन हर बार कि तरफ खुद को बेदाग, स्वच्छ और दोषविहीन जैसे विशेषणों से नवाजने वाले चीन की तरफ से इस बार भी सभी आरोपों को निराधार बताया है। चीन की तरफ से कहा गया है कि एमआई 5 जेम्स बॉन्ड फिल्म की एक और स्क्रिप्ट बनाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है।

MI5 ने क्या कहा?

ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई 5 ने चीन की एक महिला जासूस को लेकर सांसदों को चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में कहा गया कि ब्रिटेन लेबर पार्टी को चंदा देने वाली एक महिला चीन की जासूस है। इस महिला का ब्रिटेन के पूर्व सांसद से नजदीकी संबंध बताया जा रहा है। एमआई-5 ने कहा कि क्रिस्टन ली नाम की एक महिला की सुरक्षा एजेंसियां निगरानी कर रही है। उन पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए जासूसी करने का शक है। ब्रिटेन खुफिया एजेंसी ने कहा कि इस चीनी जासूस को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। ऐसे में उसे फिलहाल देश से निकाला नहीं जा रहा है। ये महिला जासूस जानबूझकर राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त थी। एमआई 5 ने इस बारे में स्पीकर लिंडसे होयले से संपर्क किया था जिसके बाद उन्होंने संसद सदस्यों को चेतावनी दी कि सांसद के साथ काम कर रहे चीनी सरकार के एजेंट भी सक्रिय हैं। ऐसे में उन्हें यहां से हटाने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। स्पीकर ने साफ किया है कि फिलहाल ब्रिटेन के किसी राजनेता पर किसी आपराधिक मामलों से जुड़े होने का संदेह नहीं है। लेकिन ये चीनी जासूस ब्रिटिश सांसदों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। सांसदों को भेजे पत्र में कहा कि एमआई 5 ने उन्हें आगाह किया कि क्रिस्टीन ली नामक महिला यहां संसद सदस्यों के साथ काम करते हुए चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से राजनीतिक हस्तक्षेप गतिविधियों में लिप्त रही है।

ली कौन हैं और ब्रिटेन के शीर्ष सांसदों के साथ वह कैसे जुड़ी हैं?

क्रिस्टन ली लंदन की एक वकील हैं। वो लंदन में चीनी दूतावास के कानूनी सलाहकार भी रह चुकी हैं। फिलहाल वो प्रवासी चीनी मामलों के कार्यकाल की कानूनी सलाहकार हैं। तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा ने साल 2019 में चीनी-ब्रिटिश सहयोग में मदद करने के लिए उनके प्रयासों की खब प्रशंसा भी की थी। थेरेसा मे ने ली को 'प्वाइंट ऑफ लाइट' का  अवॉर्ड भी दिया था। द गार्जियन के अनुसार ब्रिटिश चीनी परियोजना की स्थापना के लिए भी सराहना की गई है, जो एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसका उद्देश्य यूके में चीनी समुदाय के साथ जुड़ाव और समझ को बढ़ावा देना है। बाद में उन्होंने वेस्टमिंस्टर में एक ऑल-पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (APPG) की स्थापना की जिसे हजारों पाउंड की फंडिंग मिली। इन वर्षों में, उन्होंने लेबर सांसद बैरी गार्डिनर और उनके निर्वाचन क्षेत्र की पार्टी सहित शीर्ष सांसदों को फंड भी दिया है। उनके बेटे को गार्डिनर के कार्यालय ने नीति शोधकर्ता के रूप में भी काम पर रखा था। चीनी राज्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके प्रयासों की वजह से चीन में भी उन्हें सम्मानित किया गया। उन्हें पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।

विदेशी फंड का इस्तेमाल ?

एमआई 5 के अनुसार लंदन और बर्मिंघम में लॉ फॉर्म चलाने वाली चीनी मूल की क्रिस्टिन ली लेबर पार्टी के सांसद बेरी गॉर्डिनर समेत कई राजनेताओं को डोनेशन दिए हैं। इन लोगों को कम से कम चार लाख बीस हजार पाउंड दिए गए। हालांकि, गॉर्डिनर ने कहा कि ली से प्राप्त सभी धन को "ठीक से रिपोर्ट किया गया" था। स्काई न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में गॉर्डिनर ने कहा कि मेरा मानना है कि ली ने जो पैसा दिया है वह संसद में मेरे काम को बेहतर बनाने के लिए था। मैं अपने इलाके में औैर बेहतर काम कर सकूं इसके लिए यह पैसा काम आया है। यह पैसा सीधे रिसर्चरों को दिया गया है। मेरे निजी लाभ के लिए यह पैसा नहीं था। लिबरल डेमोक्रेट नेता सर एड डेवी को भी 5,000 पाउंड का फंड मिला जब वे ऊर्जा सचिव के रूप में सेवा कर रहे थे। लेकिन उन्होंने दावा किया कि पैसा उनके स्थानीय संघ द्वारा स्वीकार किया गया था।

चीन ने आरोपों का क्या जवाब दिया?

चीन ने आरोपों का खंडन करते हुए एमआई5 पर यूके में चीनी लोगों के खिलाफ "धोखा देने और डराने" का अभियान शुरू करने का आरोप लगाया है। दूतावास की वेबसाइट में कहा गया कि चीन हमेशा दूसरे देश के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांत का पालन करता है। हमें किसी भी देश के संसद को प्रभावित करने की कोई आवश्यकता नहीं है और न ही कभी ऐसा करना चाहते हैं। हम ब्रिटेन में चीनी समुदाय को बदनाम करने और डराने-धमकाने की चाल का पुरजोर विरोध करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि चीन को तथाकथित हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है और वह कभी ऐसा नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले लोग ‘जेम्स बांड 007 फिल्मों’ से कुछ ज्यादा ही प्रभावित लगते हैं।

चीन जासूसी के मामले पहले भी कई देश उठा चुके हैं?

ब्रिटिश खुफिया समुदाय के भीतर चीनी हस्तक्षेप के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं। पिछले साल MI6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने कहा था कि चीन पहली बार खुफिया एजेंसी की "सबसे बड़ी प्राथमिकता" बन गया है। 2020 में, यूके ने तीन चीनी जासूसों को निष्कासित कर दिया, जो कथित तौर पर देश में पत्रकार के रूप में प्रस्तुत रह रहे थे। यूके सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार तीनों चीन के सुरक्षा मंत्रालय के अधिकारी थे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी असली पहचान एमआई 5 द्वारा उजागर की गई थी और तब से उन्हें चीन लौटने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन चीनी जासूसी को लेकर चिंता केवल ब्रिटेन तक ही सीमित नहीं है। चीन के जासूस फ्रांस, अमेरिका और नीदरलैंड में भी फैले हुए हैं। फ्रांस ने 2011 में ही चेतावनी जारी कर कहा था कि चीन उसके देश में हनी ट्रैप के जरिये बड़ी मात्रा में जासूसों को तैनात कर रहा है। इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास भी देखने को मिली थी। जबकि ब्रिटेन और नीदरलैंड ने 2016 में ऐसे ही आरोप चीन पर लगाए थे। हाल ही में ब्लूमबर्ग न्यूज की जांच से पता चला है कि ऑस्ट्रेलियाई खुफिया अधिकारियों ने 2012 में चीन द्वारा देश के दूरसंचार में घुसपैठ का पता लगाया था, जो हुआवेई के एक सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ शुरू हुआ था। 

-अभिनय आकाश

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