By रितिका कमठान | Jul 28, 2023
चीन में विश्व यूनिवर्सियाड खेलों के लिए चीनी दूतावास ने भारत के तीन वुशु खिलाड़ियों को नत्थी वीजा यानी स्टेपल वीजा जारी किया है। इस वीजा को जारी करने के बाद काफी विवाद होने लगा है। इसी बीच भारत और चीन के रिश्तों में भी दरार आ गई है। चीन में 28 जुलाई से इन खेलों की शुरुआत होनी है। वहीं भारत ने चीन के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। भारत सरकार ने इस कदम को अस्वीकार्य बताया और नत्थी वीजा जारी करने के बाद फैसला किया कि तीनों खिलाड़ी चीन नहीं जाएंगे। ऐसे में सरकार ने तीनों खिलाड़ियों को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस बुलाया है। सरकार ने विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में हिस्सा लेने वाली पूरी टीम को चीन जाने से रोका है। हालांकि अन्य खेलों में हिस्स लेने वाले खिलाड़ी चीन के लिए रवाना हो चुके है।
गौरतलब है कि वुशु खेल में हिस्सा लेने के लिए आठ खिलाड़ियों और टीम के अधिकारियों को दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होना था। सरकार ने सभी को रुकने के लिए कहा है। बता दें कि जिन खिलाड़ियों को नत्थी वीजा जारी किया है वो अरूणाचल प्रदेश से हैं, जिनका नाम नेमान वांगसू, ओनिलू टेगा और मेपुंग लामगू है। अब ये जानना भी जरुरी है कि चीन ने स्टेपल वीजा क्यों जारी किया है और ये वीजा क्या होता है। वहीं भारत इस मामले पर आपत्ति क्यों जता रहा है।
जानें स्टेपल वीजा (नत्थी वीजा) के बारे में
किसी भी देश की यात्रा करने के लिए उस देश से अनुमति लेना जरुरी होता है। ये अनुमति वीजा के तौर पर मिलती है, जो कुछ निश्चित समय के लिए जारी किया जाता है। आमतौर पर वीजा कई तरह के होते हैं जिसमें बिजनेस वीजा, पार्टनर वीजा, ऑन अराइवल वीजा आदि शामिल है। वीजा को लेकर विभिन्न देशों में नियम भी अलग अलग होते है। इसी तरह का एक वीजा है नत्थी वीजा जिसे स्टेपल वीजा भी कहा जाता है। ये वीजा चीन द्वारा जारी होता है, जिसमें यात्री के पासपोर्ट पर इमिग्रेशन ऑफिसर किसी तरह की स्टैम्प नहीं लगाता है। इस वीजा को पासपोर्ट पर ही स्टेपल किया जाता है। इस पर्ची में यात्री के चीन जाने का कारण भी लिखा होता है क्योंकि इसको पासपोर्ट पर स्टेपलर से स्टेपल किया जाता है इसलिए इसको नत्थी वीजा या स्टेपल्ड वीजा कहा जाता है। वहीं चीन ने जब से स्टेपल्ड वीजा जारी किया है तब से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है।
इन देशों में भी मिलता है नत्थी वीजा
चीन के अलावा और भी कई देश हैं जो स्टेपल्ड वीजा जारी करते है। इसमें क्यूबा, ईरान, उत्तर कोरिया भी शामिल है। चीन के अलावा वियतनाम भी ऐसे ही वीजा देता था मगर बाद में कुछ देशों के बीच समझौते हुए हैं, जिसके बाद इसमें छूट दी गई है।
भारत ने जताई आपत्ति
भारत ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य बताया है। सरकार के मुताबिक वह ऐसे कदमों का ‘‘समुचित उत्तर’’ देने का अधिकार रखता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत पहले ही इस मामले पर चीनी पक्ष के समक्ष अपना ‘‘कड़ा विरोध’’ दर्ज करा चुका है और भारतीय नागरिकों के लिए वीजा व्यवस्था में अधिवास या जातीयता के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। बागची ने कहा कि यह सरकार के संज्ञान में आया है कि उन कुछ भारतीय नागरिकों को स्टेपल वीजा जारी किया गया, जिन्हें चीन में एक अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन में देश का प्रतिनिधित्व करना था। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और हमने चीनी पक्ष के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है तथा भारत ऐसे कदमों का समुचित जवाब देने का अधिकार रखता है।’’