वाशिंगटन। चीन कम से कम 2019 से क्यूबा में एक जासूसी अड्डे का संचालन कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यह दावा किया। उन्होंने कहा कि चीन खुफिया सूचनाएं जुटाने की अपनी क्षमताएं बढ़ाने के वैश्विक प्रयासों के तहत क्यूबा में एक जासूसी अड्डे का संचालन कर रहा है। अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियां चीन के पिछले कुछ वर्षों से क्यूबा से जासूसी करने और वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर गोपनीय जानकारियां जुटाने के प्रयास में शामिल होने की बात से वाकिफ हैं।
अधिकारी के मुताबिक, बाइडन प्रशासन ने अपने जासूसी अभियान को विस्तार देने की चीन की कोशिशों को नाकाम करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन को लगता है कि वह कूटनीति और अन्य अनिर्दिष्ट कार्रवाइयों के माध्यम से इस दिशा में थोड़ी प्रगति करने में कामयाब रहा है। अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन के जनवरी 2021 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद खुफिया एजेंसियों ने उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को सूचित किया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के तहत दुनियाभर में रसद, बुनियादी ढांचा और खुफिया जानकारियां एकत्रित करने की अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रही है।
अधिकारी के अनुसार, पीएलए ने इस बाबत अटलांटिक महासागर, लातिन अमेरिका, खाड़ी क्षेत्र, मध्य एशिया, अफ्रीका और हिंद प्रशांत क्षेत्र में कई जगहों की पहचान की है। इससे पहले, ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अखबार ने बृहस्पतिवार को प्रकाशित खबर में क्यूबा में चीन के इलेक्ट्रॉनिक जासूसी अड्डे की स्थापना के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता होने का दावा किया था। अखबार के मुताबिक, जासूसी अड्डे की स्थापना के बदले चीन आर्थिक संकट से जूझ रहे क्यूबा को अरबों डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हुआ था। हालांकि, व्हाइट हाउस और क्यूबा के अधिकारियों ने इस खबर को गलत बताया था।