By अभिनय आकाश | Jul 03, 2021
एक समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के मामले में अमेरिका की बढ़त किसी दूसरे देश की पहुंच से बाहर मानी जाती थी। लेकिन अमेरिकी कांग्रेस (संसद) और व्हाइट हाउस को सौंपी गई एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया था जिसकी बानगी वर्तमान दौर में नजर आने लगी है। दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर तेजी से काम कर रहा है और अमेरिका इस मामले में और तेजी से आगे नहीं बढ़ता है, तो चीन उसे पीछे छोड़ सकता है। चीन ने इसके सहारे वो करने की तैयारी में है जिसके लिए अमेरिका और रूस ट्रायल मोड में ही हैं। जिसके सफल होने पर चीन दुनिया का पहला ऐसा मुल्क बन जाएगा जिसके पास मानव रहित फाइटर प्लेन उड़ाने की तकनीक होगी। बता दें कि चीन लड़ाकू विमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की टेस्टिंग कर रहा है। जिसमें सफलता मिलने पर जे-16 को अनमैंड एरियल विकेल के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
चीन कर रहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की टेस्टिंग
चीन की जे-16 फ्लैंकर लड़ाकू विमान को लेकर लगातार चर्चा हो रही थी। जिसके बाद ये जानकारी सामने आई है कि चीन द्वारा फाइटर जेट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की टेस्टिंग किया जा रहा है। इस बात के कयास पिछले कुछ दिनों से लगातार लगाए जा रहे थे। लेकिन अब इसकी पुष्टि होती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि चीन जे-16 लड़ाकू विमान को किसी मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) की तरह इस्तेमाल कर सकता है। जिसमें पायलट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे युद्ध के दौरान पायलटों की जान का खतरा कम हो जाएगा। इसके अलावा इससे हवाई क्षमता में भी भारी बढ़ोतरी होगी।
बन जाएगा दुनिया का पहला ऐसा देश
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से फाइटर प्लेन उड़ाने की ताकत अभी किसी के पास नहीं है। ऐसे में चीन ने ये ताकत हासिल कर ली तो इसका अंजाम क्या हो सकता है इसका अंदाजा लगाया सकता है। अमेरिका-रूस 2020 से इस तकनीक को लेकर ट्रायल कर रहे हैं, लेकिन अभी फाइनल मोड में नहीं पहुंचे हैं।