By दिनेश शुक्ल | Jul 11, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे को लेकर फंसा पेंच अब सुलझता नज़र आ रहा है। पिछले 02 जुलाई को शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था जिसमें सिंधिया समर्थक मंत्रियों सहित 28 मंत्रीयों को शपथ दिलवाई गई थी। लेकिन नौ दिन बीत जाने के बाद भी मंत्रीयों को विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। जिसको लेकर शिवराज सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर भी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विभाग बंटवारा न कर पाने को लेकर इस्तीफे की माँग कर दी थी।
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल विस्तार के बाद लगातार तीन दिन दिल्ली में डेरा डाले रहे थे और केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद भी विभाग बंटवारे को लेकर सहमति न बन पाने के बाद वापस प्रदेश लौट आए थे। राजनीतिक सूत्रों की माने तो सिंधिया समर्थक मंत्रीयों को दिए जाने विभागों को लेकर पूरा मामला अटका हुआ है। जिसमें राजस्व, परिवहन, शहरी विकास और आबकारी सहित कई महत्वपूर्ण विभाग अपने पाले में करना चाहते है। जिसको लेकर पार्टी के अंदर सहमति नहीं बन पा रही है। वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभाग बंटवारे को लेकर लगातार यही कहते नज़र आ रहे है कि वर्क आउट चल रहा है।
विभाग बंटवारे को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री ने बयान दिया है। ग्वालियर पहुँचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब एक बार फिर से विभाग बंटवारे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होनें मुस्कुराते हुए कहा कि यह मेरा काम है आज ग्वालियर में कह रहा हूँ कल कर दूंगा। मुख्यमंत्री के अनुसार अब रविवार यानि 12 जुलाई को मंत्रियों को विभाग आवंटित हो जाएगें। इस दौरान उनके साथ सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी भी मौजूद थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभाग बंटवारे का मामला केन्द्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया था। अब माना जा रहा है भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच विभागों को लेकर सहमति बन गई है।