By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 21, 2021
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, दोनों उप मुख्यमंत्री तथा राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ प्रदेश मंत्रिमंडल पर चर्चा के लिए मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि यह टीम दिल्ली में कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के साथ मुलाकात करेगी। रावत कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्विटर पर चन्नी एवं उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ चार्टर विमान के पास की अपनी एक तस्वीर साझा की।
सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘ कर्तव्य निर्वहन के लिए। चन्नी, रंधावा और एक अन्य उपमुख्यमंत्री ओ पी सोनी ने सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। इससे दो दिन पहले शनिवार को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने त्यागपत्र दे दिया था। प्रदेश में करीब साढे चार महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बेहद विचार विमर्श एवं सलाह के बाद कांग्र्रेस ने चन्नी को पंजाब में विधायक दल का नेता चुना था। इसके साथ ही रंधावा और सोनी को उपमुख्यमंत्री पद के लिये चुना गया। दोनों क्रमश: जट सिख एवं हिंदू हैं। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में नये चेहरों को शामिल किया जा सकता है, दिल्ली की बैठक में इन उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी। इस बात के संकेत हैं कि कैप्टन के साथ सत्ता संघर्ष में सिद्धू के साथ खड़े होने वाले नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने वालों में अमरिंदर सिंह राजा वारिंग , मदन लाल जलालपुर, इंदरबीर सिंह बोलारिया, गुरकीरत सिंह कोटली, परगट सिंह और संगत सिंह गिल्जियां का नाम चर्चा में है। परगट सिंह को सिद्धू का करीबी माना जा रहा है जो अभी पंजाब कांग्रेस के महासचिव हैं और गिल्जियां पार्टी की प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। ऐसी अटकले हैं कि कैप्टन के विश्वासपात्र गुरमीत सिंह सोढी और साधू सिंह धरमसोत कैबिनेट में बने रह सकते हैं। सोढी खेल मंत्री जबकि धरमसोत सामाजिक न्याय मंत्री थे।
चन्नी स्वयं भी पंजाब मंत्रिमंडल में थे जिन्होंने लगातार अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा, इससे यह स्पष्ट हो गया है कि वह सिद्धू खेमे के हैं। चन्नी के शपथग्रहण समारोह से पहले कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत द्वारा सोमवार को यह कहे जाने से किआगामी विधानसभा चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जायेगा, विवाद खड़ा हो गया था। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रावत के बयान को ‘‘चौंकाने वाला’’ करार दिया और कहा कि उनका यह बयान मुख्यमंत्री के अधिकार को कमतर करने वाला है। कांग्रेस ने इस विवाद को निपटाते हुए कहा कि चन्नी और सिद्धू दोनों अगले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे।