By अभिनय आकाश | Jan 09, 2023
बॉम्बे हाई कोर्ट ने वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत दे दी। उन्होंने अपनी दलीलों में दावा किया था कि वेणुगोपाल धूत के नेतृत्व वाले वीडियोकॉन समूह को प्रदान किए गए ऋणों में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी "अवैध" थी। कोचर को एक लाख रुपये की नकद बेल बॉन्ड पर रिहा किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो के साथ सहयोग करना होगा। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं है और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए के अनुपालन में नहीं है। जहां सीबीआई ने नकद जमानत पर रिहाई का विरोध किया, वहीं बेंच ने इसे खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के चव्हाण की खंडपीठ ने हिरासत से अंतरिम रिहाई की मांग करने वाली दोनों की याचिका पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोचर को 23 दिसंबर 2022 को और धूत को तीन दिन बाद वीडियोकॉन ऋण मामले में गिरफ्तार किया गया था। चंदा कोचर जहां भायखला महिला जेल में बंद हैं, वहीं दीपक कोचर और धूत आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
29 दिसंबर को विशेष अदालत ने कोचर और धूत को 10 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जब सीबीआई ने पूछताछ के लिए उनकी और हिरासत की मांग नहीं की। आईसीआईसीआई बैंक और चंदा नियामक जांच के दायरे में आ गए हैं, कि धूत ने दीपक और दो रिश्तेदारों के साथ स्थापित एक फर्म को करोड़ों रुपये प्रदान किए, उनकी कंपनी को 3250 रुपये मिलने के छह महीने बाद- 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से करोड़ों का कर्ज। सीबीआई ने 2019 में मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।