Manipur Fresh Violence | केंद्र सरकार ने मणिपुर में ताजा हिंसा के बीच 20 अतिरिक्त CAPF कंपनियों को तैनात किया

By रेनू तिवारी | Nov 13, 2024

मणिपुर हिंसा: आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने हाल ही में हुए हमलों और राज्य में कानून-व्यवस्था की बढ़ती चिंताओं के बाद मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 20 अतिरिक्त कंपनियों को भेजा है, जिनमें लगभग 2,000 कर्मी शामिल हैं। गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार रात को इन इकाइयों को तत्काल हवाई मार्ग से भेजने और तैनात करने के आदेश जारी किए।

 

इसे भी पढ़ें: भोजपुरी अदाकारा Akshara Singh को जान से मारने की धमकी, फोन करने वाले ने मांगी 50 लाख की फिरौती


सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में भेजी जाने वाली 20 नई CAPF कंपनियों में से 15 सीआरपीएफ और पांच सीमा सुरक्षा बल (BSF) की हैं। ये इकाइयाँ CAPF की उन 198 कंपनियों में शामिल होंगी जो पिछले साल मई में राज्य में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद पहले से ही राज्य में तैनात हैं, जिसमें 200 लोग मारे गए थे। सूत्रों के अनुसार, ये सभी CAPF इकाइयाँ MHA के आदेशानुसार 30 नवंबर तक मणिपुर सरकार के अधीन रहेंगी, लेकिन तैनाती बढ़ाए जाने की उम्मीद है।


11 कुकी उग्रवादी मारे गए

सोमवार (11 नवंबर) को मणिपुर के जिरीबाम जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ हुई मुठभेड़ में कम से कम ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। जारी सूचना के अनुसार, यह घटना मणिपुर के जकुराडोर करोंग क्षेत्र में हुई, जब छद्म वर्दी पहने उग्रवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और जकुराडोर में सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की।

 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: महंगाई आसमान पर, मुद्रास्फीति की दर RBI के संतोषजनक आंकड़े 6% के पार पहुँची


भीषण मुठभेड़ के बाद बल ने अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया। पिछले सप्ताह से ही जिरीबाम में हिंसा के एक नए दौर के कारण मणिपुर में तनाव बना हुआ है। राज्य पुलिस ने बताया कि सोमवार की घटना के बाद, इंफाल घाटी में कई जगहों से ताजा हिंसा की खबरें आई हैं, जहां दोनों पक्षों के सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी हुई।


मणिपुर हिंसा

हिंदू मैतेई और ईसाई कुकी समुदायों के बीच संघर्ष भूमि और नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा के इर्द-गिर्द घूमता है। पिछले साल मई से अब तक जातीय हिंसा के कारण 200 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य के सुरक्षा बल, जो विभिन्न समुदायों से बने हैं, क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


मणिपुर की आबादी में मैतेई की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज़्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज़्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।


प्रमुख खबरें

World Diabetes Day 2024: बढ़ते मधुमेह को नियंत्रित करने की वैश्विक चुनौती

Delhi Smog की चादर में छिपी, Airport के लिए जारी की गई खास एडवाइजरी, धुंध ने शहर को ढका

Delhi Waqf Board case: AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी जमानत

पुरानी कार को लेकर टूट गई शाही परिवार की शादी! मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा