By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 04, 2020
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रवाना होने से पहले आईएएस अधिकारी ने कहा कि वैसे तो राज्य सरकार ने निषिद्ध क्षेत्रों ‘बिल्कुल उच्च स्तरीय’ रोजाना निगरानी करने का दावा करती है लेकिन उसने टीम को कोई आंकड़ा या नतीजे उपलब्ध नहीं कराये। चंद्रा ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा ‘‘ इतने बड़े डाटाबेस का मिलान एवं मूल्यांकन के लिए एक ठोस व्यवस्था की जरूरत है। लेकिन ऐसा कोई सबूत उपलब्ध नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य को आंकड़ों की रिपोर्टिंग में पारदर्शी एवं संगत बने रहने की जरूरत है और उसे इस वायरस के प्रसार को कम करके पेश करने की आवश्यकता नहीं है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजी गयी दो केंद्रीय टीमों ने अपने भाजपा आकाओं को खुश रखने के लिए बंगाल को बदनाम करने की दुर्भावना से काम किया। चंद्रा ने पत्र में लिखा है कि राज्य द्वारा अपने मेडिकल बुलेटिन और भारत सरकार को भेजे पत्र में कोविड-19 मामलों की संख्या में विसंगति है। पत्र में कहा गया है कि 30 अप्रैल को सक्रिय मामले 572 थे और उपचार के बाद 139 को छुट्टी दे गयी तथा 33 की मौत हो गयी तथा कुल मामले 744 हो गये।उसी दिन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को भेजे गये पत्र में कुल मामलों का जिक्र 931 था यानी 187 की विसंगति थी। चंद्रा ने कहा कि वह गृहमंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।