By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 27, 2020
नयी दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक धीरज वधावन को महाबलेश्वर से गिरफ्तार कर लिया। यस बैंक के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर के खिलाफ रिश्वत मामले में आरोपी बनाये जाने के करीब 50 दिन बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई के प्रवक्ता आर. के. गौड़ ने यहां बताया कि इन लोगों की गिरफ्तारी शहर सत्र अदालत (मुंबई) के सीबीआई मामलों के विशेष न्यायधीश द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर की गई। इसमें सतारा जिला प्रशासन का भी सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों को मुंबई में विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया जायेगा। वधावन बंधुओं का नाम कपूर और अन्य के खिलाफ धन की हेराफेरी को लेकर दर्ज प्राथमिकी के आरोपियों में शामिल है।
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गौड़ ने बताया, ‘‘कपिल और धीरज वधावन मामले की जांच शुरू होने से ही फरार हैं और जांच में शामिल होने से बच रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि एजेंसी ने इनके खिलाफ 17 मार्च को ही गैर-जमानती वारंट हासिल कर लिया था, लेकिन फिर भी दोनों सीबीआई अथवा न्यायालय किसी के समक्ष भी पेश नहीं हुये। दोनों को इस महीने की शुरुआत में सतारा पुलिस ने लॉकडाउन के निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में हिरासत में लिया था। उन्हें जिला प्रशासन ने महाबलेश्वर में पृथक रखा हुआ था। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने सतारा जिला प्रशासन को लिखा था कि उसके अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना वधावन बंधुओं को छोड़ा नहीं जाना चाहिये। गौड़ ने बताया, ‘‘आरोपी व्यक्तियों के आग्रह पर अदालत ने 18 अप्रैल 2020 को गैर- जमानती वारंट के अमल पर 5 मई 2020 तक के लिये स्थगन दे दिया था, लेकिन सीबीआई के आग्रह पर 25 अप्रैल 2020 को अदालत ने इसे हटा लिया।’’ स्थगन के हटते ही सीबीआई की टीम महाबलेश्वर में पृथक रखे गये बधावन बंधुओं के पास पहुंच गई और उन्हें गिरफ्त में ले लिया।