By अभिनय आकाश | Oct 15, 2024
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत के खिलाफ झूठे आरोपों में उलझ गए हैं और अब बुरी तरह से फंस गए हैं। भारत ने जब उनके सारे आरोपों की पोल खोल दी तो वो हैरान परेशान होते हुए ब्रिटेन की शरण में जा पहुंचे। ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर झूठे आरोप लगाए। जब भारत ने सख्ती से जवाब दिया तो वो बौखलाए हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई और इसके बाद जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने सीधे तौर पर भारत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय एजेंट्स कनाडाई नागरिकों को टारगेट कर रहे। लेकिन भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। जस्टिन ट्रूडो की सियासी मजबूरियां जगजाहिर है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों का वोट हासिल करने के लिए वो भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा फैला रहे। लेकिन उनके आरोपों का कोई ठोस सबूत अब तक सामने नहीं आया। भारत ने इस मामले में साफ कह दिया कि ये आरोप बेबुनियाद है। भारत ने कनाडा से बार बार सबूत मांगे लेकिन ट्रूडो की सरकार ने कोई सबूत पेश नहीं किया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें तथ्यों के साथ सामने आने को कह दिया है। इसके बाद जस्टिन ट्रूडो की असलियत दुनिया के सामने आ गई। भारत ने जब जस्टिन ट्रूडो को दुनिया के सामने झूठा साबित कर दिया तो वो बुरी तरह से घबरा गए। अब वो दुनियाभर में अपनी साख बचाने के लिए ब्रिटेन की शरण में जा बैठे। भारत से मुंह की खाने के बाद जस्टिन ट्रूडो ने यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को फोन लगा डाला। कनाडा के पीएम ऑफिस के हवाले से कहा गया कि ट्रूडो ने ब्रिटेन पीएम से बात की और भारत पर लगे अपने आरोपों को दोहराया। ब्रिटेन के सामने ट्रूडो के गुहार लगाने से साफ पता चलता है कि उन्हें खुद भी अपने सबूतों पर यकीन नहीं है। कनाडा में अगले साल चुनाव होने वाला हैं और जस्टिन ट्रूडो का ये पूरा ड्रामा वोट हासिल करने के लिए हो सकता है। खालिस्तान समर्थक वोट बैंक को लुभाने के लिए ट्रूडो ने भारत के साथ अपने संबंधों की बलि चढ़ा दी।
भारत और कनाडा के रिश्ते में अब खटास आ चुकी है। बीते दिन ही विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया है। उन्हें शनिवार, 19 अक्टूबर, 2024 को रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ना है। इसके साथ ही कनाडा में भारत के उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने एक बयान में रेखांकित किया कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में ट्रूडो सरकार के कार्यों ने राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।