By नीरज कुमार दुबे | Sep 15, 2023
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने भारत दौरे के दौरान खालिस्तानी अतिवादियों के बारे में पूछे जाने पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई दे रहे थे। दूसरी तरफ खालिस्तानी आतंकी और अमेरिका स्थित प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून भारत सरकार के खिलाफ बयान दे रहा था। इसे कैसे देखते हैं आप? साथ ही कनाडाई प्रधानमंत्री के विमान के खराब होने के कारण उन्हें जब भारत में रुकना पड़ा तो इस दौरान भारत सरकार की ठंडी प्रतिक्रिया रही। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी। उन्होंने कहा कि एक तरह से कनाडा के प्रधानमंत्री के भारत के इस दौरे से पूरी दुनिया को 'जैसी करनी वैसी भरनी' वाली कहावत और उसका अर्थ प्रत्यक्ष रूप से समझ आ गया। उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए जिस तरह अतिवादियों को अपने देश में पाल रहे हैं वह एक दिन उनके लिए ही खतरा बना जायेंगे। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि आतंकवाद या कट्टरवाद को प्रश्रय देने वालों को अपने किये का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनका प्रतिनिधिमंडल उनके विमान में आई तकनीकी खराबी ठीक कर दिये जाने के बाद रवाना तो हो गये लेकिन इस पूरी अवधि के दौरान जिस तरह कनाडाई मीडिया ने ही उनकी खिंचाई की उसे वह कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वहां के राजनीतिज्ञों और मीडिया ने कनाडा के प्रधानमंत्री पर अपने देश की नाक कटवाने का आरोप लगाया है वह ट्र्डो को आजीवन याद रहेगा। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात की बात है तो इस दौरान उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को वहां चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में भारत की कड़ी चिंताओं से अवगत कराया, जो अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं और वहां भारतीय समुदाय को धमकी दे रहे हैं। जी20 शिखर सम्मेलन से इतर ट्रूडो के साथ बातचीत में मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-कनाडा संबंधों की प्रगति के लिए ‘‘परस्पर सम्मान और विश्वास’’ पर आधारित संबंध आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-कनाडा संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति सम्मान और दोनों देशों की जनता के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संगठित अपराध, मादक पदार्थ गिरोह और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। तथा ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों के लिए सहयोग करना जरूरी है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दूसरी ओर कनाडा में खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर भारत की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर ट्रूडो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका देश शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की स्वतंत्रता की हमेशा रक्षा करेगा, लेकिन साथ ही हिंसा को रोकेगा और नफरत का हमेशा विरोध करेगा। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनका देश हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंत:करण की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ट्रूडो ने कहा था कि साथ ही, हम हिंसा को रोकने और नफरत का विरोध करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। ट्रूडो ने कहा था कि भारत कई क्षेत्रों में कनाडा का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने कहा था कि भारत दुनिया की असाधारण रूप से एक महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था है और जलवायु परिवर्तन से निपटने से लेकर नागरिकों के लिए विकास और समृद्धि के लिए कनाडा का एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक भारत में कनाडा के प्रधानमंत्री के मौजूद होने के बीच ही खालिस्तानी तत्वों की ओर से भारत को धमकियां देने की बात है तो हम कभी इसकी परवाह नहीं करते। हाल में कई लोगों ने ऐसी धमकियां दी थीं और उनमें से कई अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की उभरती ताकत है और अपनी संप्रुभता और अखंडता की रक्षा करना जानता है इसलिए चरमपंथियों की हार होना तय है।