By अनुराग गुप्ता | Oct 19, 2019
महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव का चुनावी शोर शनिवार शाम पांच बजे थम गया। आपको बता दें कि दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को मतदान होंगे। जबकि 24 अक्टूबर को उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा और प्रदेश को उत्तराधिकारी मिलेगा। मतदाता महाराष्ट्र की 288 और हरियाणा की 90 सीटों के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
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इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगाते हुए चुनावी रैलियां की और एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए। चुनावी रैली के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में दो रैली को संबोधित किया। जबकि केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में विशाल महासभा को संबोधित किया।
हरियाणा की 90 सीट पर होने वाले मतदान पर नजर डालें तो साल 2014 में यहां भाजपा को 47, आईएनएलडी को 19 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं। अब देखने वाली बात यह है कि क्या मनोहरलाल खट्टर एक बार फिर जनता का भरोसा जीत पाएंगे या फिर दूसरी पार्टियां बाजी मारेंगी।
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महाराष्ट्र चुनाव की बात करें तो साल 2014 में भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। जबकि इस बार दोनों पार्टियां गठबंधन का हिस्सा हैं। 2014 में 123 सीटें जीतकर भाजपा प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर ऊभरी थी। जबकि दूसरे स्थान पर शिवसेना थी, जिसे 63 सीटें मिली थी। कांग्रेस ने 42 सीटें तो राकांपा ने 41 सीटें जीती थी।