By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 09, 2024
नयी दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पौष्टिक तत्वों से भरपूर चावल की मुफ्त आपूर्ति खाद्य कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत 17,082 करोड़ रुपये के परिव्यय से वर्ष 2028 तक जारी रखने का बुधवार को फैसला किया। पौष्टिक तत्वों से भरपूर यानी फोर्टिफाइड चावल लोगों में खून की कमी (एनीमिया) के समाधान और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए अहम माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की प्रक्रिया में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी12) से भरपूर ‘फोर्टिफाइड’ चावल कर्नेल (एफआरके) को नियमित चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाया जाता है। आधिकारिक बयान के अनुसार, “मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दे दी है।”
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए कुल वित्तीय योजना 17,082 करोड़ रुपये की होगी। इस व्यय का पूरा वित्तपोषण केंद्र सरकार करेगी। बयान के अनुसार, चावल को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने की पहल केंद्रीय क्षेत्र की पहल के रूप में जारी रहेगी। इसका 100 प्रतिशत वित्तपोषण पीएमजीकेएवाई (खाद्य सब्सिडी) के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत संस्थागत तंत्र उपलब्ध होगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पोषण सुरक्षा की जरूरत बताई थी। सरकार ने कहा है कि “लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति” की पहल की गई है।
अप्रैल, 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मार्च, 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में चावल पौष्टीकरण पहल को लागू करने का निर्णय लिया था। तीनों चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और मार्च, 2024 तक सभी सरकारी योजनाओं में पोषक तत्वों से भरपूर चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। सरकार ने बयान में कहा, “साल 2019 और 2021 के बीच किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार, भारत में एनीमिया एक व्यापक समस्या बनी हुई है, जो विभिन्न आयु समूहों और आय स्तर के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित कर रही है।