Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी का व्रत करने से बैकुंठ में मिलता है स्थान, प्राप्त होगी श्रीहरि की कृपा

By अनन्या मिश्रा | Oct 28, 2024

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत किया जाता है। हर एकादशी की तरह यह व्रत भी भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि रमा एकादशी का व्रत करने और श्रीहरि की पूजा करने से जातक के सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

रमा एकादशी का व्रत करने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। रमा एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-शांति आती है और मनोकामना की पूर्ति होती है। इस साल आज यानी की 28 अक्तूबर को रमा एकादशी का व्रत किया जा रहा है।


तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक 27 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 05:23 मिनट से कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत हो चुकी है। वहीं आज यानी की 28 अक्तूबर की सुबह 07:50 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति हो रही है। उदयातिथि के हिसाब से इस साल 27 और 28 अक्तूबर दोनों दिन रमा एकादशी का व्रत किया जा रहा है। वहीं 29 अक्टूबर को सुबह 06:31 मिनट से सुबह 08:44 मिनट तक व्रत पारण कर सकते हैं।


पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और फिर सूर्य देव को जल अर्पित कर व्रत का संकल्प करें। अब पूजा स्थल को साफ करने के बाद एक लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद कलश में जल भरकर उसमें रोली, चंदन, फूल आदि डालकर स्थापित करें और घी का दीपक जलाएं। अब भगवान श्रीहरि विष्णु को फल-फूल और नैवेद्य का भोग अर्पित करें।


रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का जप करें और फिर श्रीमद् भागवत या विष्णु पुराण की कथा पढ़ें या सुनें। वहीं अगले दिन द्वादशी तिथि को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर विधि-विधान से श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना कर यथा संभव दान दें और व्रत का पारण करें।

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