Buldhana Bus Accident | महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाग्रस्त बस लगभग चार साल पुरानी थी : अधिकारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 01, 2023

 मुबंई। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसे का शिकार हुई बस चार साल से कम पुरानी थी। राज्य परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि बस में आग लगने से 25 यात्रियों की झुलस कर मौत हो गई जबकि आठ घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस में 33 यात्री सवार थे। पुलिस ने बताया कि एक निजी ट्रैवल्स की बस नागपुर से पुणे जा रही थी, जो रास्ते में बुलढाणा जिले के सिंदखेडराजा के निकट शुक्रवार देर रात लगभग डेढ़ बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

इसे भी पढ़ें: 'दिल्ली में सात फ्री की रेवड़ी देता हूं', MP में बोले केजरीवाल- AAP को मौका दो, मामा शिवराज और उनके चेले-चपाटों को भूल जाओगे

अतिरिक्त परिवहन आयुक्त जे.बी. पाटिल ने बताया कि अमरावती क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अधिकारी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे हैं और विभाग आज शाम तक बस और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद इस संबंध में अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंप देगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिला सड़क सुरक्षा समिति भी मामले की जांच कर आवश्यक उपायों का सुझाव देगी।

इसे भी पढ़ें: PM Modi ने शहडोल और Rajnath Singh ने कांकेर से आदिवासी समाज के बीच छोड़ी गहरी छाप

पाटिल ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड के मुताबिक स्लीपर कोच बस का पंजीकरण तीन साल पांच माह पहले हुआ था। रिकॉर्ड की जांच की जा रही है कि बस के वैध फिटनेस प्रमाणपत्र, बीमा और अन्य दस्तावेज थे या नहीं।’’ सूत्रों ने बताया कि बस 24 जनवरी 2020 को पंजीकृत हुई थी जबकि इसका फिटनेस प्रमाणपत्र 10 मार्च 2024 तक, परमिट 22 दिसंबर 2025 तक और बीमा 26 अक्टूबर 2023 तक वैध है। हालांकि, बस का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र 10 मार्च, 2023 को समाप्त हो गया है।

प्रमुख खबरें

गुजरात: 11 की बच्ची के साथ हुआ था बलात्कार, पीड़िता की दो दिल के दौरे के बाद अस्पताल में मौत

बलात्कार, एसिड अटैक और POCSO केस के पीड़ितों को मुफ्त इलाज से मना नहीं कर सकते हॉस्पिटल, दिल्ली HC का बड़ा फैसला

Blake Lively के मुकदमे से बढ़ी Justin Baldoni की मुश्किलें, प्रतिष्ठित पुरस्कार वापस लिया गया

Biden ने जाते-जाते 37 गुनहगारों को दे दी नई जिंदगी, फांसी को उम्रकैद में बदला, किन 3 की मौत की सजा को रखा बरकरार