Astrology Upay: आम के पत्ते पर इस तरह से जलाएंगे कपूर तो आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा

By अनन्या मिश्रा | Jun 26, 2024

हिंदू धर्म में आम के पत्ते और कपूर दोनों को ही बेहद शुभ माना जाता है। आम के पत्ते को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है और मां लक्ष्मी को धन, सौभाग्य व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वहीं कपूर को सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धिकरण का प्रतीक माना जाता है। बता दें कि आम के पत्ते पर कपूर जलाकर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं आरती व दीपदान के समय भी आम के पत्ते पर कपूर को जलाया जाता है।


ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आम के पत्ते पर कपूर जलाने से ग्रह-दोषों का निवारण किया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आम के पत्ते पर कपूर को जलाना चाहिए और इसको कब जलाना चाहिए। जिससे कि इसका लाभ मिल सके।

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आम के पत्ते पर कपूर जलाने का तरीका

सबसे पहले ताजा आम का पत्ता लें और उसको धोकर सुखा लें।

अब आम के पत्ते के बीच में थोड़ा सा कपूर रख लें।

इसके बाद कपूर को जलाकर धूपदान या आरती की थाली में रखें।

आप चाहें तो कपूर के साथ थोड़ी सी लौंग या इलायची रख लें।

आम के पत्ते पर कपूर में रखकर जलाने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।


लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आम के पत्ते पर कपूर रख कर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है। साथ ही नेगेचिव एनर्जी से भी छुटकारा मिल सकता है। ऐसा कहा जाता है कि आम के पत्ते शुभता का प्रतीक माने जाते हैं और इसके ऊपर कपूर रखकर जलाने से व्यक्ति को ग्रह दोषों से भी छुटकारा मिल सकता है। साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है। कपूर की सुगंध एकाग्रता बढ़ाती है। इतना ही नहीं, आम के पत्ते पर कूपर रखकर जलाने से स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है।


इन मंत्रों का करें जाप


ॐ श्रीं ह्रीं लक्ष्मी वर प्रसादाय नमः

यह मां लक्ष्मी का मंत्र है, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं।


ॐ गं गणपतये नमः

यह भगवान गणेश को समर्पित मंत्र है, जो विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माने जाते हैं।


या देवी सर्वभूतभूतेषु सदा सर्वस्वरूपे सर्वभावे सर्वशक्ते। था त्वां प्रणमामि सर्वदेव देवी देवि खिल्य जयति।

यह मंत्र मां दुर्गा को समर्पित है, जो शक्ति और साहस की देवी हैं।


ॐ शांति शांति शांतिः

यह मंत्र शांति और समृद्धि के लिए है।


ॐ तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

यह मंत्र सूर्यदेव को समर्पित है, सूर्यदेव जीवन और प्रकाश के देवता माने जाते हैं।

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