CM Yogi Birthday: राजनीति के चाणक्‍य बन 'बुलडोजर बाबा' ने ऐसे संभाली UP की सत्ता, BJP के फायर ब्रांड नेता हैं CM योगी

By अनन्या मिश्रा | Jun 05, 2023

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज के दिन यानी की 5 जून को जन्मदिन है। वह आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ दोबारा यूपी में अपने मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल को संभाल रहे हैं। गोरखपुर से लोकसभा सांसद रहे योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति में अपने कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए फेमस हैं। योगी आदित्यनाथ को 'बाबा' कहकर भी संबोधित किया जाता है। वह हिंदुत्व के कट्टर समर्थक के तौर पर भी जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई कड़े फैसले लिए हैं। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर योगी आदित्यनाथ के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और शिक्षा

उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में 5 जून 1972 को योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। इनके पिता आनंद सिंह बिष्ट गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत थे। सात भाई-बहनों में योगी पांचवे नंबर पर हैं। उनके बचपन का अजय सिंह बिष्ट था। बता दें कि योगी ने श्रीनगर के गढ़वाल विश्‍वविद्यालय से गणित से बीएससी की है। इसके बाद वह गणित में एमएससी की पढ़ाई करने के लिए साल 1993 में वह गोरखपुर आ गए। इसके बाद उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग करते हुए 15 फरवरी 1994 को गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान ही उन्‍होंने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ से दीक्षा ले ली। जिसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया। 


राजनैतिक कॅरियर

योगी आदित्यनाथ का कथन 'एक हाथ में माला एक हाथ में भाला' उनके कट्टरवाद को दर्शाता है। इन्होंने बहुत छोटी सी उम्र से राजनीति करनी शुरू कर दी थी। साल 1998 में भारत के 12वें लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर योगी सबसे कम उम्र के सांसद बने थे। साल 1996 में योगी ने लोकसभा चुनाव में महंत अवैद्यनाथ के चुनाव का संचालन किया था। जिसके बाद साल 1998 में महंत अवेद्यनाथ ने योगी को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के साथ ही लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया। उस दौरान योगी आदित्यनाथ की उम्र सिर्फ 26 साल थी। 


गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में योगी ने कार्यभार संभाला तो उन पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के तहत संचालित होने वाले स्कूल कॉलेजों और गोरक्षपीठ के प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली। इस दौरान उनके कार्यों से योगी आदित्यनाथ की ख्याति बढ़ती चली गई। वहीं साल 1999 में हुए महराजगंज जिले के थाना कोतवाली स्थित पचरुखिया कांड ने योगी को चर्चाओं में ला दिया। यहां से योगी और विवाद साथ-साथ चलते लगे। कई बार योगी पर मुस्लिम विरोधी होने के अलावा सांम्प्रदायिक भाषण देने का आरोप लगता रहा।


हिंदू युवा वाहिनी

योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित हिन्दू युवा वाहिनी केवल हिन्दुओं का संगठन है। बता दें कि साल 2005 में पुलिस ने इस संगठन पर मऊ में दंगे किये जाने का आरोप लगाया था। दरअसल, मऊ का माफिया मुख्तार अंसारी जो वर्तमान में जेल की सजा काट रह है। उस दौरान वह विधायक था। मुख्तार पर भाजपा के एक विधायक कृष्णानंदा राय की हत्या का आरोप था, जिसके विरोध में मऊ में दंगा हुआ था। वहीं साल 2007 में भी हिंदू युवा वाहिनी पर गोरखपुर में दंगे के आरोप लगे थे।


गोरखपुऱ में दंगे कर्फ्यू के दौरान योगी आदित्यनाथ को जेल जाना पड़ा था। हालांकि उस दौरान योगी को जनता का काफी समर्थन प्राप्त हुआ था। उनके ऊपर धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के भी आरोप लगे। इसी दौरान उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी और बजरंग दल आदि को मजबूती प्रदान कर हिन्दुत्व और विकास के नारे को बुलंद करने का काम किया। साल 2007 के विधानसभा चुनाव और 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में काफी उथल-पुथल चल रही थी तो पार्टी की गिरती साख को लेकर योगी ने बगावती तेवर अपनाए थे। 


बता दें कि साल 2007 में हुए विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ को तवज्जो नहीं दिए जाने पर उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी से प्रत्याशियों की घोषणा तक करने का ऐलान कर दिया। जिससे न सिर्फ बीजेपी के खेमे बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी काफी खलबली मच गई थी। जिसके बाद बीजेपी शीर्ष ने उन्हें न सिर्फ तवज्जो दी बल्कि र्वी उत्तर प्रदेश सहित पूर्वांचल में अपनी साख बचाए रखने का मन बनाया। हालांकि इसका फायदा बीजेपी को भी मिला और दिन प्रति दिन योगी का कद भी राजनीति में बढ़ता चला गया।


योगी आदित्यनाथ ने नक्सलवाद, आतंकवाद और देश विरोधी तत्वों से निबटने के लिए कई बार भाषण दिया। उन्होंने इसे अपने तरीके से खात्मे का ऐलान किया। वहीं योगी आदित्यनाथ ने साल 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में लगातार जीत हासिल की। न सिर्फ पूर्वांचल बल्कि पूरे देश में 42 की उम्र में उन्होंने लगातार 5 बार सांसद होने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने ताबड़तोड़ रैलियां कर पार्टी के स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी पूरी की। 


वहीं गोरखपुर से चुनाव जीतकर अपनी धमक भी कायम रखी। साल 2017 में योगी ने पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जिसके बाद 25 मार्च 2022 में वह दोबारा यूपी के सीएम चुने गए। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर की सभी 9 सीटों पर और पूर्वांचल व यूपी में रिकॉर्ड मतों से जीत बरकरार रखने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाता है। इस जीत के साथ योगी आदित्यनाथ ने नया इतिहास रच दिया है। बता दें कि योगी के नाम सबसे लंबे समय तक यूपी के सीएम बनने का रिकॉर्ड बन गया है।


प्रमुख खबरें

सरकार के मंत्री से डायरेक्ट लिंक है, चुटकी में किसी बड़े पद पर आपकी पोस्टिंग करना दूंगा, यह कहकर चोरों ने Disha Patani के पिता से ठग लिए 25 लाख

Prabhasakshi NewsRoom: Oxford University में Kashmir मुद्दे को लेकर विवादित बहस, पाकिस्तानियों को भारतीय छात्रों ने दिया करारा जवाब

Epilepsy Symptoms: इन बीमारियों के होने पर पड़ सकते हैं मिर्गी के दौरे, जानिए कारण और लक्षण

Netflix Boxing Bout | Mike Tyson की 19 साल बाद बॉक्सिंग की रिंग में वापसी, लेकिन Jake Paul को नहीं आया तरस? खेल के दौरान जमकर पीटा