By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 07, 2021
तोक्यो। भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में चौथे स्थान के साथ भले ही देशवासियों का दिल जीत लिया हो लेकिन कप्तान रानी रामपाल ने कहा कि कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले को हारने का उनका गम अब भी कम नहीं हुआ है। रियो ओलंपिक (2016) में आखिरी स्थान पर रही भारतीय टीम ने तोक्यो खेलों में शानदार जज्बा दिखाया और शुक्रवार को ब्रिटेन के खिलाफ करीबी मुकाबले में 3-4 से हार कर चौथे स्थान पर रही।
रानी ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रियो खेलों में हम 12वें स्थान पर रहे। हमें पता था कि हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे क्योंकि वह हमारा पहला ओलंपिक था और हमारे पास कोई अनुभव नहीं था। हम तोक्यो में इस विश्वास के साथ पहुंचे थे कि हम कुछ करेंगे।’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ सेमीफाइनल में पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि है और इसे दुनिया की सभी महिला टीमों ने सराहा है। उन्होंने हमसे कहा कि टूर्नामेंट में आपने जो हासिल किया है, वह भारतीय इतिहास में कभी नहीं हुआ और आपका भविष्य उज्ज्वल है।’’ उन्होने कहा, ‘‘ हमें शायद अभी अपनी उपलब्धि का अंदाजा नहीं है लेकिन कुछ समय के बाद होगा।’’
पहले तीन मैच के हारने के बाद भारतीय महिलाओं ने शानदार वापसी करते हुए आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका को हराकर क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। अंतिम आठ मुकाबले में उन्होंने तीन बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाकर सबको चौंका दिया। इस अनुभवी स्ट्राइकर ने कहा, ‘‘ जब हम अपने पहले तीन मैच हारे थे तो बहुत से लोगों को लगा कि हम टूर्नामेंट में आगे नहीं बढ़ेगे, लेकिन हमें पता था कि हमने नीदरलैंड और जर्मनी के खिलाफ अच्छा खेला था।
हम उन मैचों को जीते नहीं थे लेकिन हमें उम्मीद थी कि हम बचे हुए दो मैचों को जीतकर क्वार्टर फाइनल तक पहुंच जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने आयरलैंड के खिलाफ और फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी एक टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया। टीम ने साहस और दृढ़ संकल्प दिखाया। टीम ने ऑस्ट्रेलिया की उस टीम के खिलाफ शानदार जज्बा दिखाया, जिनके पास सभी बड़े टूर्नामेंटों में खेलने का अनुभव है।’’ रानी ने कहा कि आने वाला साल टीम के लिए महत्वपूर्ण है और उन्हें उम्मीद है कि टीम तोक्यो में मिली जीत की लय को आगे बरकरार रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगला साल महत्वपूर्ण है, हमें राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और एशिया कप में भाग लेना हैं जहां से हम विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं।
ओलंपिक सीखने के लिहाज से एक अच्छा अनुभव था, हमने अपनी एक पहचान बनाई है इसलिए हमें इसे जारी रखने की जरूरत है।’’ टीम के मुख्य कोच शोर्ड मारिन के इस्तीफे पर उन्होंने कहा, ‘‘ वह हमारी टीम के कोच का पद छोड़ रहे हैं। मैं उनके फैसले का सम्मान करती हूं, सबके लिए परिवार महत्वपूर्ण है। हमें पता था कि ओलंपिक के बाद वह इस्तीफा दे देंगे। वह टीम की सफलता के लिए सभी श्रेय के पात्र हैं क्योंकि उन्होंने भारत में महिला हॉकी के लिए बहुत काम किया है।