By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 03, 2019
लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेग्जिट संबंधी अपनी योजना पर यूरोपीय संघ (ईयू) को मनाने से पहले गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों को समझाने का प्रयास किया। ब्रेग्जिट के लिए तेजी से खत्म हो रही समय सीमा और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विरोध के बीच जॉनसन साढ़े तीन साल से जारी इस संकट को खत्म करने की अपनी योजना के लिए समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
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ब्रिटिश संसद में उन्हें कई सदस्यों का समर्थन भी मिला है जो लगातार 2017 में ब्रेग्जिट पर सरकार की ओर से पेश योजनाओं को खारिज कर रहे हैं। इनमें विपक्षी लेबर पार्टी के उदारवादी सांसद और खुद उनकी कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य शामिल हैं। अगर वह ईयू और गुटों में बंटी संसद को समझाने में नाकामयाब होते हैं तो बिना समझौते ब्रिटेन को ईयू से अलग होना पड़ेगा या इस प्रक्रिया में और देरी होगी।
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जॉनसन के सफल होने पर उन्हें और लंबी जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा और ईयू के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत करनी होगी। ब्रिटेन की ब्रेग्जिट मंत्री स्टीव बार्कले ने कहा कि सप्ताहांत तक जॉनसन की ओर से खींचे गए खाके के अनुरूप सभी पक्षों को बातचीत शुरू करनी होगी ताकि 17-18 अक्टूबर को ब्रसेल्स में होने वाली बैठक में किसी समझौते की उम्मीद बनी रहे। उन्होंने बीबीसी रेडियो से कहा कि हमें और तेजी से और गहनता से आगे बढ़ना होगा।
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ईयू आयुक्त ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे मानते हैं कि यह गंभीर प्रस्ताव है और वह चाहते हैं कि सभी पक्ष इस पर विचार करें। उल्लेखनीय है कि जॉनसन ने ब्रेग्जिट के बाद आयरलैंड की सीमा में निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए जटिल प्रस्ताव दिया है। वह मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संसद में अपनी योजना का खुलासा करेंगे। इस योजना पर ब्रसेल्स और डबलिन ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। ईयू की ओर से ब्रेग्जिट के मुख्य वार्ताकार माइकल बार्नियर ने कहा कि इसमें प्रगति हुई है लेकिन साफगोई से कहूं तो अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।