मुंबई। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भाजपा को मिली शानदार सफलता से बाजार में उत्साह दिखा और इससे जहां सेंसेक्स उछलकर दो साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया वहीं निफ्टी बढ़कर अब तक के सर्वोच्च स्तर 9,087 अंक पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान एक समय 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 9,100 अंक से उपर निकलकर 9,122.75 अंक पर पहुंच गया था। डालर के मुकाबले रुपया भी कारोबार के दौरान मजबूत होकर 66.14 पर पहुंच गया। थोक मुद्रास्फीति में तीव्र वृद्धि के बावजूद निवेशकों ने लिवाली पर जोर रखा और बाजार में इस उम्मीद पर निवेश किया कि सरकार विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद और साहसिक ढंग से सुधारों को आगे बढ़ाएगी।
जनवरी के औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों से भी बाजार को समर्थन मिला। सालाना आधार पर आईआईपी में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक समय बंबई शेयर बाजार का तीस शेयरों पर आधारित सूचकांक 615.70 अंक के उछाल के साथ 29,561.93 अंक पर पहुंच गया था। लेकिन अंत में यह 496.40 अंक या 1.71 प्रतिशत की मजबूत बढ़त के साथ 29,442.63 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले, यह स्तर पांच मार्च 2015 को देखा गया था। इससे पहले, पिछले दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 44 अंक मजबूत हुआ था। बाजार कल होली के अवसर पर बंद था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 152.45 अंक या 1.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 9,087 अंक पर बंद हुआ जो अब तक का रिकार्ड स्तर है। इससे पहले, तीन मार्च 2015 को यह 8,996.25 अंक पर पहुंचा था। फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो इससे पिछले महीने में 5.25 प्रतिशत थी।सर्वाधिक लाभ में बीएसई पूंजीगत वस्तु सूचकांक रहा जो 3.06 प्रतिशत मजबूत हुआ। उसके बाद रीयल्टी (2.57 प्रतिशत), उपभोक्ता टिकाऊ (2.40 प्रतिशत), बैंक (1.93 प्रतिशत) तथा रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों का सूचकांक (1.60 प्रतिशत) का स्थान रहा।
बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के वरिष्ठ कोष प्रबंधक कार्तिकराज लक्ष्मणन ने कहा, ‘‘देश में हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन से बाजार में अच्छी शुरूआत हुई।’’ सबसे अच्छा प्रदर्शन आईसीआईसीआई बैंक का रहा जो 5.99 प्रतिशत मजबूत हुआ। उसके बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर (4.54 प्रतिशत), एल एंड टी (4.40 प्रतिशत), एचडीएफसी लि. (3.69 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (3.51 प्रतिशत), मारुति सुजुकी (3.02 प्रतिशत) और अडाणी पोर्ट्स (2.92 प्रतिशत) का स्थान रहा। एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रूख रहा जबकि यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में कोई दिशा नहीं दिखी। निवेशकों की फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे का इंतजार है।