By अभिनय आकाश | Jul 11, 2023
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को 150 से अधिक छात्रों की उस याचिका को बिना तथ्य के'खारिज कर दिया, जिन्होंने एमबीए/एमएमएस कॉलेजों में प्रवेश पाने के इच्छुक कुछ छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के बाद राज्य कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल द्वारा अपनाई गई अंकों की सामान्यीकरण प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली। पीठ ने कहा कि लगभग 1 लाख छात्र हैं, जिनमें से लगभग 150 ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया को रद्द करने और पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।
अदालत ने कहा कि हमारे सामने केवल 154 छात्र आये। उनका कहना है कि पूरी CET परीक्षा दोबारा होनी चाहिए। प्रवेश परीक्षा देने वाले सैकड़ों-हजारों अन्य लोगों के बारे में कोई विचार नहीं किया गया। याचिकाकर्ता सभी उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, फिर भी हमसे उम्मीद की जाती है कि वे सभी व्यक्ति वर्तमान असंतुष्ट व्यक्तियों के कहने पर दूसरों को सुनने का मामूली अवसर दिए बिना पीड़ित होंगे।
पीठ ने कहा कि यह वास्तव में बता रहा है कि संरचनात्मक विफलताओं या विसंगतियों की ये सभी शिकायतें परिणाम घोषित होने के बाद ही सामने आती हैं। हम याचिका में कोई तथ्य देखने में पूरी तरह असमर्थ हैं। हम तथ्यों और सार के आधार पर इसे अस्वीकार करते हैं। चूँकि याचिकाकर्ता छात्र हैं, हम लागत लगाने का आदेश देने से बचते हैं।