By रेनू तिवारी | May 16, 2019
अगर आप सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्में देखना पसंद करते हैं तो बॉलीवुड में इस तरह की जबरजस्तस फिल्में हैं जो वास्ताव में बेहद थ्रिलर से भरी हैं। आज हम बॉलीवुड की कुछ ऐसी ही फ़िल्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनके सस्पेंस को लेकर दर्शकों के मन में दुविधा थी लेकिन सिनेमा हॉल से बाहर निकलते ही उनके चेहरे पर स्माइल आ गई।
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कहानी (2012)
कहानी फिल्म एक ऐसी फिल्म हैं जिसके क्लाअमेक्स में लोगों को हिला कर रख दिया था। फिल्म में विद्या बालन लीड रोल में है अपने पति को ढूंढने के लिए कोलकता आती हैं। पति की तलाश का जो सफर फिल्म में दिखाया गया हैं वो जबरदस्त हैं। फिल्म की कहानी कोलकता में हुई मेट्रो ट्रेजडी पर आधरित है।
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अपराधी कौन? (1957)
यह एक सस्पेंस फिल्म है। फिल्म में अर्पणा चौधरी ने एक गरीब लड़की की भूमिका निभायी है। फिल्म में मदन पुरी एक अमीर व्यक्ति की भूमिका में हैं, जिसकी पत्नी की मौत हो चुकी है। गरीब लड़की के लिए दया और फिर प्यार के बाद वह अमीर व्यक्ति उससे शादी कर लेता है। वह लड़की शादी से खुश नहीं है और अपने पति को जान से मारने का प्लान बना डालती है।
ग्लोबल बाबा (2016)
हमारे देश में साधू- संतों की छवि कुछ बाबाओं की करतूतों ने खराब कर दी हैं। हमें उनके अपराधों और कुकृत्यों की जानकारियां भी मिलती रही है। सूर्य कुमार उपाध्याय की कथा और विशाल विजय कुमार की पटकथा लेकर मनोज तिवारी ने प्रासंगिक फिल्म बनाई है। मनोज तिवारी ने 'ग्लोबल बाबा' को उत्तर प्रदेश की कथाभूमि और पृष्ठभूमि दी है। ऐसी कहानियां और घटनाएं किसी भी प्रदेश में पाई जा सकती हैं। फिल्म में संजय मिश्रा की जबरदस्त भूमिका हैं।
अंधाधुन (2018)
श्रीराम राघवन अपनी थ्रिलर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं और अपने इस हुनर का इस्तेमाल 'अंधाधुन' में उन्होंने बेहतरीन तरीके से किया है। बहुत ही कम फिल्म मेकर ऐसे हैं जो इस जॉनर की फिल्में बेहतरीन तरीके से बना पाते हैं। फिल्म बताती है कि जरूरी नहीं कि जो दिखता है वही सच हो।
स्पेशल 26 (2013)
स्पेशल 26 एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म है। जिसका निर्देशन नीरज पांडे ने किया है। इस फ़िल्म में अक्षय कुमार, काजल अग्रवाल, जिमी शेरगिल, मनोज बाजपेयी, अनुपम खेर और दिव्या दत्ता मुख्य किरदार में है।
कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (2010)
कार्तिक कॉलिंग कार्तिक 2010 में प्रदर्शित मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है। फ़िल्म में फरहान अख्तर और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में हैं।
गुप्त (1997)
गुप्त 1997 में बनी हिन्दी भाषा की रहस्यमयी थ्रिलर फिल्म है। इसका निर्देशन राजीव राय ने किया और बॉबी देओल, मनीषा कोइराला और काजोल इसमें प्रमुख भूमिकाओं में हैं। परेश रावल, ओम पुरी और राज बब्बर सहायक चरित्रों को निभाते हैं।
रेड (2018)
जानकारों के मुताबिक फिल्म रेड 1981 में लखनऊ में पड़े एक हाई प्रोफाइल छापे की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक निडर इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) का ऑफिसर अमय पटनायक (अजय देवगन) सांसद रामेश्वर सिंह उर्फ राजाजी सिंह (सौरभ शुक्ला) के यहां अपनी पूरी टीम के साथ छापा मारता है।
बदला (2019)
जानकारों के मुताबिक फिल्म रेड 1981 में लखनऊ में पड़े एक हाई प्रोफाइल छापे की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक निडर इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) का ऑफिसर अमय पटनायक (अजय देवगन) सांसद रामेश्वर सिंह उर्फ राजाजी सिंह (सौरभ शुक्ला) के यहां अपनी पूरी टीम के साथ छापा मारता है।
दृश्यम (2015)
देखी हुई बात जरूरी नहीं है कि सच हो, इस बात के इर्दगिर्द घूमती है फिल्म निर्देशक निशिकांत कामत की 'दृश्यम'। दक्षिण भारतीय भाषाओं में यह फिल्म धूम मचा चुकी है और हिंदी में इसे 'दृश्यम' नाम से ही पेश किया गया है।
नैना (2005)
फिल्म एक अंधी लड़की की कहानी थी जिसे आंखें ट्रांसप्लांट की जाती है। लेकिन इसके बाद उसे अजीब अजीब सी चीज़ें दिकाई देने लग जाती हैं।
तलाश (2012)
आमिर खान स्टारर इस फिल्म में काफी कुछ ऐसा होता है जिसे कोई समझा नहीं पा रहा होता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है, इसका खुलासा फिल्म के अंत में जाकर होता है।
आँखें (2002)
यह फिल्म एक गुजराती उपन्यास पर आधारित है। एक पूर्व बैंक अधिकारी अपने साथ हुए अपमान का बदला लेने के लिये तीन अन्धे लोगो की मदद से अपने ही बैंक को लूटने की कोशिश करता है। अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, सुष्मिता सेन, अर्जुन रामपाल, परेश रावल, आदित्य पंचोली फिल्म में लीड रोल में हैँ।