By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 22, 2019
वाशिंगटन। अमेरिका में अफगानिस्तान की राजदूत रोया रहमानी ने कहा कि बॉलीवुड और क्रिकेट अफगानिस्तान के भारत के साथ संबंधों के असल सितारें हैं और दोनों देशों की संस्कृतियों के बीच गहरा संबंध है। रहमानी ने बृहस्पतिवार को यहां एक समारोह में कहा कि यह मानना पड़ेगा कि दोनों देशों के बीच संबंधों के ये दो असल सितारे हमारे लोगों को निकट लाने में जितने प्रभावशाली रहे हैं, उतनी प्रभावी कोई सरकारी पहल भी नहीं हो सकती। मैं किसी एक नेता की बात नहीं कर रही।
सच्चाई यह है कि भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों पर कोई भी चर्चा बॉलीवुड और क्रिकेट का जिक्र किए बिना अधूरी है। उन्होंने कहा कि मैं जब छोटी थी तो बृहस्पतिवार रात का बेसब्री से इंतजार किया करती थी, क्योंकि उसी दिन काबुल में टीवी चैनल पर कोई भारतीय फिल्म दिखाई जाती थी। मैं जानती हूं कि केवल मैं ही ऐसा नहीं किया करती थी।
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रहमानी ने ‘‘भारत-अफगानिस्तान संबंध: ऐतिहासिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों की समीक्षा’’ विषय पर ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ थिंक टैंक द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा कि तालिबान शासन के काले दिनों में खुशी देने वाली केवल ये फिल्में ही अफगानिस्तानियों के जीवन में रंग भरने वाली चीजें थीं, जिनका लोग इंतजार करते थे। इन फिल्मों ने अलग दुनिया की झलक और उम्मीद दिखाई। उन्होंने कहा कि वह जिनते अफगानिस्तानियों को जानती हैं वे सभी इन फिल्मों के कारण थोड़ी-बहुत हिंदी जानते हैं।
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रहमानी ने कहा कि क्रिकेट की बात करें, तो यह समय बिताने का राष्ट्रीय तरीका है। भारत ने पिछले साल ग्रेटर नोएडा स्टेडियम को अफगानिस्तानी टीम का आधिकारिक प्रशिक्षण केंद्र घोषित किया क्योंकि इस समय अफगानिस्तान में कोई केंद्र नहीं है। भारत सरकार ने भी प्रशिक्षण एवं तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराई हैं और साथ ही कंधार में स्टेडियम के लिए आर्थिक मदद भी दी है। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान को विकास के लिए मदद मुहैया कराने वाला सबसे बड़ा क्षेत्रीय सहयोगी है।
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अफगानिस्तान और भारत के बीच हुए ‘सामरिक साझेदारी समझौते’ ने ढांचागत विकास, शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि समृद्ध और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान को लेकर भारत सरकार और भारतीयों की प्रतिबद्धता हर रोज दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि मैं जब भी हमारा संसद भवन देखती हूं जिसे भारत ने उदारता दिखाते हुए बनवाया है, मुझे इसी बात का एहसास होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में इसके उद्घाटन के समय कहा था कि यह भवन भारत और अफगानिस्तान को एक विशेष संबंध में बांधने वाले स्नेह एवं महत्वकांक्षाओं, भावनाओं एवं मूल्यों पर आधारित संबंधों का स्थायी प्रतीक है। इस भवन के बारे में इससे बेहतर तरीके से नहीं बताया जा सकता।