लद्दाख में हिमस्खलन के बाद से लापता 3 सैनिकों के शव बरामद, HAWS के डिप्टी कमांडर ने किया ऑपरेशन का नेतृत्व

By अभिनय आकाश | Jul 10, 2024

पिछले साल अक्टूबर में लद्दाख में माउंट कुन पर हिमस्खलन में 38 कर्मियों वाली सेना की टुकड़ी फंसने के बाद तीन सैनिक लापता हो गए थे। घटना के नौ महीने बाद सेना ने तीनों जवानों के शव बरामद किये थे। इन सैनिकों को वापस लाने के ऑपरेशन का नेतृत्व हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर एसएस शेखावत ने किया था। एक अनुभवी पर्वतारोही ब्रिगेडियर शेखावत तीन बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं और भारतीय सेना के सबसे कठिन ऑपरेशनों में से एक के लिए कीर्ति चक्र के प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने ऑपरेशन आरटीजी को अपने जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण मिशन बताया।

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादियों ने तीन सैनिकों को अगवा किया

उन्होंने बताया कि 'लगातार नौ दिनों तक, हर दिन 10-12 घंटे 18,700 फीट की ऊंचाई पर खुदाई की गई।' टनों बर्फ और बर्फ हटा दी गई। टीम पर शारीरिक और मानसिक प्रभाव बहुत अधिक था, जिससे उनके लचीलेपन की कड़ी परीक्षा हो रही थी। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, ब्रिगेडियर शेखावत ने शहीद सैनिकों की सफलतापूर्वक वापसी पर गहरी उपलब्धि की भावना व्यक्त की।

इसे भी पढ़ें: पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए सैनिकों की संख्या बताए सरकार : Sanjay Raut

उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से यह मेरे जीवन का सबसे कठिन मिशन रहा है।" उन्होंने कहा, लेकिन मैं संतुष्ट हूं कि हमने उन्हें वापस पा लिया है। राहुल का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है। ठाकुर और गौतम को उनके रिश्तेदारों के पास भेजा जा रहा है, जहां उन्हें उचित अंतिम संस्कार मिलेगा जिसके वे हकदार हैं। 

प्रमुख खबरें

Cyclone Dana: ओडिशा-बंगाल में सामान्य जनजीवन प्रभावित, तेज़ हवाएँ और भारी बारिश, कई इलाकों में हाई अलर्ट

वीरेंद्र सचदेवा को यमुना में डुबकी लगाना पड़ा भारी, रैशेज और खुजली के बाद पहुंचे अस्पताल

Delhi: बस मार्शलों को दिवाली तोहफा, अब प्रदूषण नियंत्रण ड्यूटी पर होगी तैनाती, LG ने CM को दी बड़ी सलाह

Samsung Galaxy S23 Ultra 5G मिल रहा है बेहद सस्ता, यहां जानें कीमत और फीचर्स